» We reap what we sow. We are the makers of our own fate.The wind is blowing; those vessels whose sails are unfurled catch it, and go forward on their way, but those which have their sails furled do not catch the wind. Is that the fault of the wind?
» We make our own destiny. हम जो बोते हैं वो काटते हैं . हम स्वयं अपने भाग्य के विधाता हैं . हवा बह रही है ; वो जहाज जिनके पाल खुले हैं , इससे टकराते हैं , और अपनी दिशा में आगे बढ़ते हैं , पर जिनके पाल बंधे हैं हवा को नहीं पकड़ पाते . क्या यह हवा की गलती है ?…..हम खुद अपना भाग्य बनाते हैं .