Kabir Das Ke Dohe in Hindi | कबीर दास जी के दोहे
» कबीर कहा गरबियो, काल गहे कर केस, ना जाने कहाँ मारिसी, कै घर कै परदेस |
» अर्थ : कबीर कहते हैं कि हे मानव ! तू क्या गर्व करता है? काल अपने हाथों में तेरे केश पकड़े हुए है. मालूम नहीं, वह घर या परदेश में, कहाँ पर तुझे मार डाले.
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