Kabir Das Ke Dohe in Hindi | कबीर दास जी के दोहे
» पानी केरा बुदबुदा, अस मानुस की जात, एक दिना छिप जाएगा,ज्यों तारा परभात |
» अर्थ : कबीर का कथन है कि जैसे पानी के बुलबुले, इसी प्रकार मनुष्य का शरीर क्षणभंगुर है।जैसे प्रभात होते ही तारे छिप जाते हैं, वैसे ही ये देह भी एक दिन नष्ट हो जाएगी.
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