» A man does not become a Brahmana by his platted hair, by his family, or by birth; in whom there is truth and righteousness, he is blessed, he is a Brahmana.
» कोई भी व्यक्ति सिर मुंडवाने से, या फिर उसके परिवार से, या फिर एक जाति में जनम लेने से संत नहीं बन जाता; जिस व्यक्ति में सच्चाई और विवेक होता है, वही धन्य है| वही संत है|