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भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची | Nobel Prize Winners from Indian


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भारत के नोबेल पुरस्कार विजेता में भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता का नाम है। नोबेल पुरस्कार नोबेल फैडरेशन के द्वारा स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिया जाता है। जो शांति, साहित्य, भौतिकी, चिकित्सा विज्ञान, अर्थशास्त्र, रसायन के क्षेत्र में दिया जाता है।.. …

भारतीय जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है | Indian Nobel Prize Winners in Hindi

नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) विश्व का सबसे बड़ा पुरस्कार माना जाता है एंव यह पुरस्कार विश्व के सर्वश्रेष्ठ लोगों को मिलता है। इसकी शुरुआत वर्ष 1901 से हुई और इसे एल्फ़्रेड नोबेल (Alfred Nobel) के नाम पर रखा गया। एल्फ़्रेड नोबेल (Alfred Nobel) स्वीडन के निवासी थे। उन्होंने डायनामाईट (Dynamite) का आविष्कार किया था। नोबेल पुरस्कार भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry), चिकित्सा विज्ञान (Physiology or Medicine), साहित्य (Literature) और शांति (Peace) के क्षेत्र में उत्कर्ष कार्यों के लिए दिये जाते हैं।

नोबेल प्राइज का इतिहास / History of Nobel Prize in Hindi

स्वीडन के प्रसिध्द वैज्ञानिक और डायनामाईट के आविष्कारक अल्फ्रेड बी. नोबेल ने मरते वक़्त अपनी वसीहत में लिखा कि –

मेरी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एक फण्ड में डाला जाए और उसके ब्याज को हर साल मानवजाति की सेवा करने वाले लोगों को पुरस्कार के रूप में दिया जाए.

तभी से उनकी मृत्यु के पश्चात प्रतिवर्ष अद्वितीय काम करने वालों को पुरस्कृत किया जाता रहा है.

यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिनकी निम्न क्षेत्रों में विशेष योगदान रहा हो :-

  • रसायन शास्त्र ( Chemistry)
  • भौतिकी ( Physics)
  • चिकित्सा ( Physiology or Medicine)
  • साहित्य ( literature)
  • विश्व शांति World Peace)
  • अर्थशास्त्र (Economics)
  • अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार 1969 से दिया जाता है।

भारत को विश्वगुरु (vishvguru) कहा जाता है एंव विश्वभर में भारतीयों ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। कई भारतीयों को उनके उत्कर्ष कार्यों के लिए नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

तो आईये जानते है कि अब तक किन भारतीयों को नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित (Indian who won nobel prize) किया जा चुका है।

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GK Trick – नोबेल पुरस्कार प्राप्त भारतीय (क्रमश:)

Trick  –  {रवि सर हमारे सुबह आम ना बिके}

रवि  – रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) 1913

सर – सर चंद्रशेखर वेंकटरमन (Sir Chandrasekhara Venkata Raman) 1930

– रगोबिंद खुराना – (Hargobind Khorana) 1968

मारे – दर टेरेसा (Mother Teresa) 1979

सुबह – सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर (Subrahmanyan Chandrasekhar) 1983

आम – अमर्त्य सेन (Amartya Sen) 1998

ना – वी. एस. नायपाल (V.S. Naipaul) 2001

बि – वेंकटरमन रामाकृष्ण (Venkatraman Ramakrishnan) 2009

के – कैलाश सत्यार्थी  (Kailash Satyarthi) 2014

नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय नागरिक


रवींद्रनाथ टैगोर / Rabindranath Tagore (1913) - साहित्य

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रवींद्रनाथ टैगोर नोबेल पाने वाले एशिया एंव भारत के पहले व्यक्ति (First Indian Nobel Prize Winner) थे। महान कवि और रचयिता गुरु रबींद्र नाथ टैगोर को 1913 में साहित्य (Literature) के क्षेत्र में उनकी काव्य पुस्तक ‘गीतांजलि’ (Gitanjali) के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया। रवींद्रनाथ टैगोर ने महज आठ वर्ष की उम्र से ही कवितायें (poetry) लिखनी शुरु कर दी थी। वे एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत और बंग्लादेश, दो देशों के लिये राष्ट्रगान (National anthem) लिखा। ‘गीतांजलि’ (Gitanjali) और ‘साधना’ (Sadhana) उनकी महत्वपूर्ण कृतियां हैं। भारत के राष्ट्रगान जन गण मन की रचना गुरूदेव रविन्द्रनाथ ने ही की थी.

उनकी ये पंक्तिया हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं:

“जहाँ मन निर्भय हो और सिर ऊंचा रखा जा सके,
जहाँ संकीर्ण घरेलू दीवारों के कारण, संसार टुकड़ों में बंटा न हो।
परम पिता, स्वाधीनता के उस स्वर्ग में,
मेरा देश जाग्रत हो…”

सर चंद्रशेखर वेंकटरमन / C. V. Raman (1930) - भौतिकी

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महान वैज्ञानिक सी.वी रमन (C.V.Raman) को भौतिकी (Physics) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए,1930 में नोबेल पुरुस्कार (Nobel Prize) से सम्मानित किया गया। डॉ. रमन ने अपने अनुसंधान में इस बात का पता लगाया कि जब प्रकाश किसी पारदर्शी माध्यम से गुजरता है तब उसकी वेवलैंथ (तरंग की लम्बाई) में बदलाव आता है। इसी को रमन इफ़ेक्ट (Raman Effect) के नाम से जाना गया।

उन्हें भारत सरकार का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न ’ सन 1945 में मिला. डॉ. रमन ने बैंगलोर में ‘रमन रिसर्च संस्थान’ की स्थापना की. सन 1970 में इस महान वैज्ञानिक का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया.

मदर टेरेसा / Mother Teresa (1979) - शांति

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45 सालों तक गरीब, असहाय और मरीजों की सेवा में तल्लीन अल्बीनियाई मूल की भारतीय मदर टेरेसा को 1979 में शांति का नोबेल पुरस्कार (Nobel for Peace) मिला। मदर टेरेसा (Mother Teresa) ने भारत में बेसहारा, अनाथ और रोगियों की सेवा करके समाज में सेवा का एक उदाहरण पेश किया जिसके चलते उन्हें विश्व शांति का नोबेल मिला।

सन 1979 में उन्हें ‘नोबेल शांति पुरस्कार’ से सम्मानित किया और सन 1980 में भारत सरकार ने मदर को भारत रत्न अलंकरण से सम्मानित किया. सन 2003 में उन्हें “धन्य” घोषित किया गया. भारतीयों को इस बात का गर्व है कि मदर टेरेसा ने भारत को ही जाने के बाद भी विश्व भर को अपनी सेवा के दायरे में लिया. सन 1997 में परम साध्वी मदर टेरेसा का देहांत हो गया।

डॉ. अमर्त्य सेन / Dr. Amartya Sen (1998) - अर्थशास्त्र

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वर्ष 1998 में अमर्त्य सेन (Amartya Sen) को अर्थशास्त्र (Economics) में उनके योगदान के लिये नोबेल पुरस्कार मिला। उन्होंने अकाल में भोजन की व्यवस्था के लिये अपनी थ्योरी दी। वह पहले भारतीय थे जिन्हें अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला (first Indian Nobel Prize Winner In Economics)| पिछले चालीस बरसों में तीस से अधिक भाषाओं में उनकी पुस्तकें छप चुकी हैं।

प्रो. अमर्त्य सेन ऐसे अकेले अर्थशास्त्री हैं जिन्होंने अर्थशास्त्र के क्लासिकल नैतिक मूल्यों और मानवीय आग्रहों से अर्थशास्त्र की गरिमा को बढाया है.

कैलाश सत्यार्थी / Kailash Satyarthi (2014) - कैमिस्ट्री

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कैलाश सत्यार्थी ( Kailash Satyarthi ) को बाल अधिकारों की रक्षा एंव बाल श्रम के विरूद्ध लड़ाई के लिए वर्ष 2014 में नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने बचपन बचाओ आन्दोलन (Bachpan Bachao Andolan) की स्थापना की और विश्व भर में हजारों बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य किया। उन्हें पाकिस्तान की मलाला युसुफ़जई (Malala Yousafzai) के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरुस्कार से सम्मानित किया गया।

मूल भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता


हरगोबिंद खुराना / Hargobind Khorana (1968) - चिकित्सा

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आनुवांशिक कोड (डीएनए) की व्याख्या करने वाले भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक डॉ. हरगोबिंद खुराना को चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize in Physiology or Medicine) दिया गया। खुराना ने मार्शल, निरेनबर्ग और रोबेर्ट होल्ले के साथ मिलकर चिकित्सा के क्षेत्र में काम किया। उन्हें कोलम्बिया विश्वविद्यालय की ओर से 1968 में ही होर्विट्ज़ पुरस्कार भी प्राप्त हुआ।

सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर / Subrahmanyan Chandrasekhar (1983) - भौतिकी

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सन 1983 में भौतिक शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर खगोल भौतिक शास्त्री थे। उनकी शिक्षा चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज में हुई। वह नोबेल पुरस्कार विजेतर सर सी.वी. रमन के भतीजे थे। बाद में चंद्रशेखर अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने खगोल भौतिक शास्त्र तथा सौरमंडल से संबंधित विषयों पर अनेक पुस्तकें लिखीं। उन्होंने ‘व्हाइट ड्वार्फ’ यानी श्वेत बौने नाम के नक्षत्रों के बारे में सिद्धांत का प्रतिपादन किया। इन नक्षत्रों के लिए उन्होंने जो सीमा निर्धारित की है, उसे चंद्रशेखर सीमा कहा जाता है। उनके सिद्धांत से ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में अनेक रहस्यों का पता चला।

वेंकटरमन रामाकृष्ण / Venkatraman Ramakrishnan (2009) - कैमिस्ट्री

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चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए भारतीय मूल (Indian Origin) के अमरीकी नागरिक वेंकटरमन रामाकृष्ण को 2009 में रसायन शास्त्र के क्षेत्र में (Nobel Prize in Chemistry) नोबेल मिला। रामाकृष्ण को इजराइली महिला वैज्ञानिक अदा योनोथ और अमरीका के थॉमस स्टीज़ के साथ संयुक्त तौर पर रसायन के नोबेल के लिए सम्मानित किया गया। नोबेल पाने वाले तीनों वैज्ञानिकों ने थ्रीडी तकनीक के ज़रिए समझाया कि किस तरह रिबोसोम्ज़ अलग-अलग रसायनों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं।

भारत से संबंध रखने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता


रोनाल्ड रॉस / Ronald Ross (1902) - फिजियोलॉजी या चिकित्सा

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सर रोनाल्ड रॉस का जन्म ब्रिटिश-भारत के अल्मोड़ा में हुआ था और लगभग 25 वर्षों के लिए भारतीय चिकित्सा सेवा में अपना योगदान प्रदान किया। सर रॉस ने मच्छरों द्वारा मलेरिया परजीवी के संचरण को साबित करने वाली अपनी खोज के साथ मलेरिया (जो उस समय काफी घातक था) से निपटने और उसे जीतने में सक्षम बनाया।

रूडयार्ड किपलिंग / Rudyard Kipling (1907) - साहित्य

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प्रसिद्ध कवि और लेखक रुडयार्ड किपलिंग का जन्म बॉम्बे (ब्रिटिश भारत) में हुआ था। जहाँ उनका जन्म हुआ उस देश (भारत) से उनको असीम प्रेम था। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने भारत में अपने अनुभवों जैसे द जंगल बुक जैसे कई कार्य किये। 1907 में उन्हें साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

14 वें दलाई लामा / 14 Dalai Lama (1989) - शांति

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14 वें तेनेजिन ग्यात्सो, वर्तमान में दलाई लामा को “तिब्बत की मुक्ति के संघर्ष और शांतिपूर्ण समाधान के प्रयास” के लिये 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। दलाई लामा शांति और सामंजस्य का चेहरा बन गए हैं, जो दुनिया भर में तिब्बत के मुद्दे के बारे में उनकी प्रतिबद्धता के लिए खड़े हुए हैं।

वी. एस. नायपाल / V.S. Naipaul (2001) - साहित्य

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ट्रिनिडाड के चगवान में जन्मे भारतीय मूल के लेखक वी. एस. नैपाल को 2001 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया। इनके पूर्वज गोरखपुर के भूमिहार ब्राह्मण थे। उनकी शिक्षा ट्रिनिडाड और इंगलैंड में हुई। वे दीर्घकाल से ब्रिटेन के निवासी हैं। इनका सबसे महान उपन्यास “ए हौस फार मिस्टर बिस्वास” है।

सिर्फ अहिंसा की बदौलत भारत को आजादी दिलाने वाले महात्मा गांधी को कभी शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं मिला। हालांकि उन्हें पांच बार नामांकन मिला, और दो बार गांधी जी के नाम का चयन किया गया लेकिन हर बार चयन समितियों ने अलग-अलग कारण बताकर उन्हें यह पुरस्कार नहीं दिया। चयन समितियों ने गांधी जी को नोबेल न मिलने के कई कारण बताए जैसे कि वह अत्याधिक भारतीय राष्ट्रवादी थे। लेकिन कई ऐसे भारतीय हैं जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

विश्वभर में भारतीयों ने भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है। कई भारतीयों को उनके उत्कर्ष कार्यों के लिए नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

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