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स्वच्छ भारत अभियान: एक कदम स्वच्छता की ओर


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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 महात्मा गांधी की जयंती पर अपने ड्रीम प्रोजेक्ट ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरुआत की। स्वच्छ भारत अभियान या ‘क्लीन इंडिया केंपेन’ देश का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान है। …

Swachch Bharat Mission

नई दिल्ली में राजपथ पर स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर भारत उन्हें स्वच्छ भारत के रूप में सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि दे सकता है।” 2 अक्टूबर 2014 को देश भर में एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत हुई।

प्रधानमंत्री ने हर भारतीय से इस मिशन में शामिल होकर इसे सफल बनाने की अपील की है। विश्व बैंक ने 1,500,000,000 डॉलर का ऋण भारत स्वच्छता अभियान के लिए मंजूर किया है, इसके लिए ३० मार्च २०१६ को भारत सरकार और विश्व बैंक ने एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये।

इस अभियान को क्यों शुरु किया गया?

यह कहते हुए बड़ा दुख होता है कि देश में लोगों का खुले में शौच करना एक बड़ी समस्या है। भारत में 72 प्रतिशत से ज्यादा ग्रामीण लोग शौच के लिए झाडि़यों के पीछे, खेतों में या सड़क के किनारे जाते हैं। इससे अन्य कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जैसे बच्चों की असमय मौत, संक्रमण और बीमारियों का फैलना और सबसे अहम सुनसान स्थान पर शौच के लिए गई युवतियों का बलात्कार। भारत की आबादी 1.2 बिलियन है और उसमें से करीब 600 मिलियन लोग या 55 प्रतिशत के पास शौचालय नहीं है। उन ग्रामीण इलाकों में जहां शौचालय है वहां भी पानी की उपलब्धता नहीं है। शहरों में झुग्गी में रहने वालों के पास ना तो पानी की आपूर्ति है ना शौचालय की सुविधा।

यह कब पूरा होगा?

भारत सरकार ने राजनीतिक दलों, गैर सरकारी संगठनों, निगमों और सक्रिय लोगों की भागीदारी से स्वच्छ भारत अभियान को सन् 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। महात्मा गांधी ने हमेशा स्वच्छता पर बहुत जोर दिया। उनका कहना था कि स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा जरुरी है। इस तथ्य को ध्यान में रखकर भारत सरकार महात्मा गांधी के इस सपने को पूरा करना चाहती है और देश को सन् 2019 तक साफ करना चाहती है। सन् 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है।

सरकार के प्रयास

स्वच्छ भारत अभियान को सही तरीके से लागू करने के लिए 19 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति बनाई गई है। इस समिति के अध्यक्ष वैज्ञानिक रघुनाथ अनंत माशेलकर हैं। माशेलकर वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक हैं। समिति विभिन्न राज्यों में स्वच्छता और पानी की सुविधा देने के सबसे श्रेष्ठ और आधुनिक तरीकों पर सुझाव देगी। यह सुझाव सस्ते, टिकाउ और उपयोगी होंगे। 2 अक्टूबर 2014 को जब पीएम ने यह अभियान शुरु किया तब उनके साथ पार्टी अधिकारी, बाॅलीवुड कलाकार आमिर खान, हजारों सरकारी कर्मचारी, स्कूल और काॅलेज के छात्र थे। इसे जनआंदोलन बनाने के लिए उन्होंने नौ लोगों को सफाई की चुनौती लेने के लिए नामांकित किया, जिनमें प्रियंका चोपड़ा, शशि थरुर, सचिन तेंदुलकर और अनिल अंबानी शामिल हैं।

इस मुहिम में कुछ राज्यों ने भी भाग लिया है और कई अन्य कार्यक्रम और योजनाएं इस अभियान को सफल बनाने के लिए तैयार की जा रही हैं।

परियोजना का क्रियान्वयन

स्वच्छ भारत अभियान के दो उप अभियान हैंः

  • स्वच्छ भारत अभियान ग्रामीण
  • स्वच्छ भारत अभियान शहरी

शहरी विकास मंत्रालय ने इस मिशन के लिए 62,000 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं।

पूरी परियोजना की अनुमानित लागत 1,96,009 करोड़ रुपये है। इस राशि से देश में 12 करोड़ शौचालय बनाए जाएंगे। ग्रामीण और शहरी विकास मंत्रालयों ने धार्मिक गुरुओं और समूहों जैसे श्री श्री रविशंकर और गायत्री परिवार से स्वच्छ भारत अभियान में शामिल होने का अनुरोध किया है।

स्वच्छ भारत अभियान के प्रमुख मुद्दे

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार शहरी भारत में हर साल 47 मिलियन टन ठोस कचरा उत्पन्न होता है। इसके अलावा यह भी बताया गया है कि 75 प्रतिशत से ज्यादा सीवेज का निपटारा नहीं होता है। ठोस कचरे की रिसाइकलिंग भी एक बड़ी समस्या है। भविष्य में बड़ी समस्या से बचने के लिए इन मुद्दों का निपटारा आज किया जाना जरुरी है।
  • ग्रामीण भारत में साफ सफाई की कमी एक बड़ी चुनौती है।
  • एक अन्य बड़ी चुनौती लोगों की सोच बदलना है। हमारे देश के लोग सड़क पर कचरा ना फेंकना कब सीखेंगे? या लोग खुद को और अपने इलाके को साफ रखना कब सीखेंगे?

स्वच्छ भारत अभियान: तथ्य और आंकड़े

  • परियोजना की लागत: 1,96,009 करोड़ रुपये
  • परियोजना शुरु होने की तारीख: 2 अक्टूबर 2014
  • परियोजना खत्म होने की तारीख: 2 अक्टूबर 2019
  • परियोजना में शामिल मंत्रालय: शहरी विकास मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय, राज्य सरकार, गैर सरकारी संगठन, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, निगम आदि।
  • परियोजना का लक्ष्य: भारत को पांच सालों में गंदगी से मुक्त देश बनाना। ग्रामीण और शहरी इलाकों में सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय बनाना और पानी की आपूर्ति करना। सड़कें, फुटपाथ और बस्तियां साफ रखना और अपशिष्ट जल को स्वच्छ करना।

एक प्रचारक के रूप में शामिल हों

आप एक प्रचारक के रूप में इसका हिस्सा बनकर - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है यहाँ पर दिए गए कार्यों को देख सकते हैं या फिर अपना खुद का अभियान शुरू कर सकते हैं।

  • मेरी सरकार के सदस्य के रूप में अपना पंजीकरण कराएं।
  • अभियान के लिए अपना समय देने की शपथ लें।
  • आपके द्वारा किए गए स्वच्छता संबंधी कार्यों के पहले और बाद की तस्वीरें साझा करें।
  • इसके लिए आपको पंजीकरण या लॉग इन करना होगा।
  • स्वच्छता संबंधी कार्यों में भाग लेने के लिए अन्य लोगों को निमंत्रण भेजें और उन्हें प्रेरित करें।
  • आप किसी और का निमंत्रण स्वीकार कर या फिर अपना खुद का अभियान शुरू कर इसका हिस्सा बन सकते हैं।

स्वच्छ भारत के निर्माण के लिए एकसाथ मिलकर कार्य करें-

ऐसे लोगों की श्रृंखला बनाने हेतु जो दूसरों को उनके आसपास के स्थान स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित करें, मेरी सरकार - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है ने स्वच्छ भारत अभियान पोर्टल - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है के रूप में एक रचनात्मक और सहयोगात्मक मंच प्रदान किया है जहाँ प्रतिभागी किसी विशेष स्थान को साफ़ करने के बाद उसकी पहले और बाद की तस्वीरें - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है साझा कर सकते हैं। पंजीकृत प्रतिभागी को सबसे पहले प्रतिज्ञा लेनी होगी और उसके बाद नौ अन्य व्यक्तियों को उनके आसपास के स्थानों की सफाई करने के लिए आमंत्रित करना होगा।

स्वच्छ और हरित भारत

स्वच्छ भारत अभियान - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है का उद्देश्य केवल आसपास की सफाई करना ही नहीं है अपितु नागरिकों की सहभागिता से अधिक-से अधिक पेड़ लगाना, कचरा मुक्त वातावरण बनाना, शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराकर एक स्वच्छ भारत का निर्माण करना है। देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ भारत का निर्माण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अस्वच्छ भारत की तस्वीरें भारतीयों के लिए अक्सर शर्मिंदगी की वजह बन जाती है इसलिए स्वच्छ भारत के निर्माण एवं देश की छवि सुधारने का यह सही समय एवं अवसर है। यह अभियान न केवल नागरिकों को स्वच्छता संबंधी आदतें अपनाने बल्कि हमारे देश की छवि स्वच्छता के लिए तत्परता से काम कर रहे देश के रूप में बनाने में भी मदद करेगा।

निष्कर्ष

सिर्फ अभियान शुरु करना ही काफी नहीं है, परिणाम मायने रखता है। सिर्फ सरकार इसे सफल नहीं बना सकती, लोगों की भागीदारी सबसे जरुरी है। इस कार्यक्रम के लिए विस्तृत ब्लू प्रिंट बनाना जरुरी है। समग्र तरीके से स्वच्छ भारत अभियान को लागू करने, सरकार और लोगों के प्रयासों से आने वाले सालों में भारत अवश्य एक स्वच्छ देश बन सकता है।

Jai Hind!

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