GST Bill: What is Goods and Service Tax – GST क्या है? | टैक्स चोरी कम होगी, टैक्स कलेक्शन बढ़ेगा?
देश में GST लागू होने को लेकर बहुत सारी ख़बरें आ रही है | GST क्या है और इससे देश में कैसे बदलाव आएगा ?? What is GST Bill, What are the benefits of GST In India and How It will change the economic and taxation system of India
नई दिल्ली: गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स अप्रत्यक्ष कर की श्रेणी में आएगा। जीएसटी वह वैट है जिसमे वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर ही लागू किया जाएगा। वर्तमान में वैट केवल वस्तुओं पर ही लागू होता है। जीएसटी लागू होने के बाद सेल्स टैक्स, सर्विस टैक्स, एक्साइज ड्यूटी, वैट आदि तमाम तरह के टैक्स हटा दिए जाएंगे। इससे पूरा देश एकीकृत बाजार में बदल जाएगा।
सरल शब्दों में कहा जाये तो अब लगभग सभी वस्तुओं और सेवाओं पर एक नया टैक्स लगेगा और वह होगा –GST. साथ ही पहले जो भी टैक्स लगते थे, वे अब नहीं लगेंगे. अब प्रश्न यह उठता हैं कि जब टैक्स दोनों ही स्थितियों में देना हैं तो आखिर इसमें नया क्या हैं और इससे देश की जनता को क्या फायदा होगा ? फायदा जरुर होगा क्योंकि GST Bill पास होने से अब पूरे देश में एक ही रेट से टैक्स लगेगा और चूँकि यह सम्पूर्ण देश पर लगेगा तो इसके अलावा कोई और टैक्स भी नहीं देना होगा.
What is Goods and Service Tax – GST क्या है?
जीएसटी (GST), भारत के कर ढांचें में सुधार का एक बहुत बड़ा कदम है। वस्तु एंव सेवा कर (Goods and Service Tax) एक अप्रत्यक्ष कर कानून है (Indirect Tax) है। जीएसटी एक एकीकृत कर है जो वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर लगेगा। जीएसटी लागू होने से पूरा देश,एकीकृत बाजार में तब्दील हो जाएगा और ज्यादातर अप्रत्यक्ष कर जैसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Excise), सेवा कर (Service Tax), वैट (Vat), मनोरंजन, विलासिता, लॉटरी टैक्स आदि जीएसटी में समाहित हो जाएंगे। इससे पूरे भारत में एक ही प्रकार का अप्रत्यक्ष कर लगेगा
क्यों जरूरी है जीएसटी – Why GST Bill
भारत का वर्तमान कर ढांचा (Tax Structure) बहुत ही जटिल है। भारतीय संविधान के अनुसार मुख्य रूप से वस्तुओं की बिक्री पर कर लगाने का अधिकार राज्य सरकार और वस्तुओं के उत्पादन व सेवाओं पर कर लगाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। इस कारण देश में अलग अलग तरह प्रकार के कर लागू है, जिससे देश की वर्तमान कर व्यवस्था बहुत ही जटिल है। कंपनियों और छोटे व्यवसायों के लिए विभिन्न प्रकार के कर कानूनों का पालन करना एक मुश्किल होताहै।
जीएसटी की मुख्य बातें – Benefits/Salient features of GST
- GST केवल अप्रत्यक्ष करों को एकीकृत करेगा, प्रत्यक्ष कर जैसे आय-कर आदि वर्तमान व्यवस्था के अनुसार ही लगेंगे।
- जीएसटी के लागू होने से पूरे भारत में एक ही प्रकार का अप्रत्यक्ष कर लगेगा जिससे वस्तुओं और सेवाओं की लागत में स्थिरता आएगी
- संघीय ढांचे को बनाए रखने के लिए जीएसटी दो स्तर पर लगेगा – सीजीएसटी (केंद्रीय वस्तु एंव सेवा कर) और एसजीएसटी (राज्य वस्तु एंव सेवा कर)। सीजीएसटी का हिस्सा केंद्र को और एसजीएसटी का हिस्सा राज्य सरकार को प्राप्त होगा।एक राज्य से दूसरे राज्य में वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री की स्थति में आईजीएसटी (एकीकृत वस्तु एंव सेवाकर) लगेगा। आईजीएसटी का एक हिस्सा केंद्रसरकार और दूसरा हिस्सा वस्तु या सेवा का उपभोग करने वाले राज्य को प्राप्त होगा।
- व्यवसायी ख़रीदी गई वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले जीएसटी की इनपुट क्रेडिट ले सकेंगे जिनका उपयोग वे बेचीं गई वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले जीएसटी के भुगतान में कर सकेंगे।सीजीएसटी की इनपुट क्रेडिट का उपयोग आईजीएसटी व सीजीएसटी के आउटपुट टैक्स के भुगतान, एसजीएसटी की क्रेडिट का उपयोग एसजीएसटी व आईजीएसटी के आउटपुट टैक्स के भुगतान और आईजीएसटी की क्रेडिट का उपयोग आईजीएसटी, सीजीएसटी व एसजीएसटी के आउटपुट टैक्स के भुगतान में किया जा सकेगा ।
- GST के तहत उन सभी व्यवसायी, उत्पादक या सेवा प्रदाता को रजिस्टर्ड होना होगा जिन की वर्षभर में कुल बिक्री का मूल्य एक निश्चित मूल्य से ज्यादा है।
- प्रस्तावित जीएसटी में व्यवसायियों को मुख्य रूप से तीन अलग अलग प्रकार के टैक्स रिटर्न भरने होंगे जिसमें इनपुट टैक्स, आउटपुट टैक्स और एकीकृत रिटर्न शामिल है।
जीएसटी का आम लोगों पर प्रभाव – Impact of GST on General Public
- अप्रत्यक्ष करों का भार अंतिम उपभोक्ता को ही वहन करना पड़ता है। वर्तमान में एक ही वस्तुओं पर विभिन्न प्रकार के अलग अलग टैक्स लगते है लेकिन जीएसटी आने से सभी वस्तुओं और सेवाओं पर एक ही प्रकार का टैक्स लगेगा जिससे वस्तुओं की लागत में कमी आएगी। हालांकि इससे सेवाओं की लागत बढ़ जाएगी
- दूसरा सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह होगा कि पूरे भारत में एक ही रेट से टैक्स लगेगा जिससे सभी राज्यों में वस्तुओं और सेवाओं की कीमत एक जैसी होगी।
- Goods and Service Tax Law (GST) लागू होने से केंद्रीय सेल्स टैक्स (सीएसटी ), जीएसटी में समाहित हो जाएगा जिससे वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी ।
किसको होगा नुकसान
जीएसटी लागू होने से केंद्र को तो फायदा होगा लेकिन राज्यों को इस बात का डर था कि इससे उन्हें नुकसान होगा क्योंकि इसके बाद वे कई तरह के टैक्स नहीं वसूले पाएंगे जिससे उनकी कमाई कम हो जाएगी। गौरतलब है कि पेट्रोल व डीजल से तो कई राज्यों का आधा बजट चलता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने राज्यों को राहत देते हुए मंजूरी दे दी है कि वे इन वस्तुओं पर शुरुआती सालों में टैक्स लेते रहें। राज्यों का जो भी नुकसान होगा, केंद्र उसकी भरपाई पांच साल तक करेगा।
केंद्रीय कर
सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी
एडीशनल एक्साइज ड्यूटी
स्पेशल एडीशनल ड्यूट ऑफ कस्टम्म्स
मेडिसिनल एंड टॉयलेट प्रिपरेशंस (एक्साइज ड्यूटी) एक्ट 1955 के तहत एक्साइज ड्यूटी
सर्विस टैक्स
एडीशनल कस्टम्स ड्यूटी
सेंट्रल सरचार्ज व सेस
राज्य कर
वैल्यू एडेड टैक्स (वैट)/ सेल्स टैक्स
लॉटरीज, बेटिंग व गैम्बिलिंग पर कर
एंटरटेनमेंट टैक्स
सेंट्रल सेल्स टैक्स
ऑक्ट्रॉय व एंट्री टैक्स
परचेज टैक्स
लग्जरी टैक्स
स्टेट सेस व सरचार्ज
जीएसटी के तहत देशभर के लिए तय किए जाने वाले टैक्स रेट फिलहाल तय नहीं की गई है। हालांकि कांग्रेस की मांग है कि यह दर 18 प्रतिशत तय की जाए। इससे टैक्स चोरी कम होगी और टैक्स कलेक्शन बढ़ेगा। ऐसा भी माना जा रहा है कि जीएसटी आने के बाद टैक्स का ढांचा पारदर्शी होगा।
फ़िलहाल India के अलग अलग राज्यों में Tax System अलग अलग होने के कारण एक ही निर्माता की वस्तु का मूल्य विभिन्न राज्यों अलग अलग चुकाना पड़ता है और एक ही वस्तु पर कई प्रकिया के दौरान कई बार Tax वसूल कर लिया जाता है, जिससे उसकी कीमत का लगभग 30 से 45 प्रतिशत अतिरिक्त हमें Tax में चुकाना पड़ता है. GST BILL के लागु होने से किसी भी वस्तु पर केवल एक बार ही Tax लगेगा और वो भी सिर्फ MRP पर. इसकी अनुमानित दर 18% हो सकती है.
दुनिया लगभग 165 देशों me GST लागु है, यहाँ तक की Pakistan में भी.
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