बालों को बेदर्दी से सुलझाने, सजाने-संवारने, पर्मिंग करने, हेयर ड्रायर का अधिक प्रयोग करने आदि से बालों की नमी पर प्रतिकूलप्रभाव पड़ता है। बाल शुष्क हो जाते हैं तथा उलझने लगते हैं। बालों की प्राकृतिक चमक समाप्त हो जाती है।
बालों की खाई हुई प्राकृतिक चमक वापस लाने के लिए हेयर कन्डीशनर का प्रयोग किया जाता है। कन्डीशनर बालों में शैम्पू करने के बाद लगाया जाता है। कन्डीशनर भी कई प्रकार का होता है। तरल तथा क्रीम रूप में मिलने वाले इन कन्डीशनरों में अलग-अलग गुण होते हैं। कन्डीशनर का चुनाव करते समय उसकी शुद्धता का भी ध्यान रखें। बाजार में कई कन्डीशनर युक्त शैम्पू भी उपलब्ध हैं। बाजार में उपलब्ध हेयर कन्डीशन के अतिरिक्त घर में भी हेयर कन्डीशनर बताए जा सकते हैं। ये सस्ते तथा गुणकारी होते हैं।
हेयर कन्डीशनर कई प्रकार के होते हैं। जैसे-
बेसिक कन्डीशनर - इस प्रकार के कन्डीशनर बालों पर हल्की कोटिंग कर देते हैं। इससे बाल मुलायम हो जाते हैं तथा उनमें चमक आ जाती है। उनकी ‘सेटिंग’ करना आसान हो जाता है।
इस प्रकार का कन्डीशनर बालों पर लगाकर कुछ मिनटों के लिए छोड़ दिया जाता है तथा बाद में सिर धोया जाता हे।
कन्डीशनिंग स्प्रे - इसे बालों को बैठाने से पहले प्रयोग किया जाता है। यह गरमी से बालों की रक्षा करता है। बालों में स्थिर विद्युत समाप्त करता है।
हाॅट आॅयल - हाॅट आॅयल बालों को भीतर तक शक्ति प्रदान करते हैं। ये ट्यूब में उपलब्ध होते हैं। प्रयोग से पहले गर्म पानी में एक-दो मिनट के लिए रख दें। फिर बालों को गीला करें अैर तौलिए से सुखाएं तत्पश्चात ट्यूब का तेल बालों में भली प्रकार लागाएं। चाहें तो कुछ देर के लिए शाॅवर कैप भी लगा सकती हैं। कुछ देर के बाद बालों को धोएं तथा शैम्पू लगाएं।
इन्टेन्सिव कन्डीशन - अत्यधिक सूखे, उलझे तथा दो मुंहे बालों को सैट करने या उनमें चमक लोने के लिए ऐसे कन्डीशनर काप्रयोग किया जाता है। बालों में कन्डीशनर लगाकर पानी से भली-भांति धोन से पहले पांच मिनट के लिए छोड़ दिया जाता है।
लीव-इन-कन्डीशनर - इस प्रकार के कन्डीशनर शैम्पू करने के बाद प्रयोग किए जाते हैं तथा इन्हें लगाकर बालों को बिना धोए छोड़ दिया जाता है। ये बालों की प्राकृतिक चमक तथा नमी को बरकरार रखते हैं।
रीस्ट्रक्चरैन्ट्स - ऐसे कन्डीशनर क्षतिग्रस्त बालों की कोरटैक्स ;ब्वतजमगद्ध के भीतर प्रविष्ट होकर बालों का उपचार करते हैं। बालों को शक्तिशाली बनाते हैं। बालों में रासायनिक प्रसाध्नों के अत्यधिक प्रयोग या अन्य कारणों से आए झोल को दूर करे हैं। बालों में चमक तथा लचक दोबारा वापस लाने में सहायक होते हैं।
स्पिलिटेण्ड ट्रीटमेन्ट्स/सीरम - दो मुंहे बालों की समस्या ऐसे बालों को काटकर अलग कर देने से ही समाप्त नहीं हो जाती है। बाल केवल छोर पर ही न फट कर पूरी लम्बाई में कई और स्थानों पर भी फट सकते हैं। इस प्रकार का कन्डीशनर ऐसे फटे हुए बालों को एक प्रकार से ‘सील’ कर देता है। यह एक प्रकार का अस्थाई उपचार है। ऐसा कन्डीशनर, शैम्पू करने के पश्चात बालों के अंतिम भाग पर लगाया जाना चाहिए।
कलर/पर्म कन्डीशनर - इस प्रकार का कन्डीश्ज्ञनर रासायनिक रूप से रंगे गए बालों के लिए उत्तम है। यह बालों पर एक रक्षात्मक फिल्म मढ़कर बालों के रंग की रक्षा करता है। यह बालों की स्वभाविक उच्छा को भी बनाए रखता है।
निम्नलिखित विधियों से घर में ही हेयर कन्डीशन तैयार किए जा सकते हैं।
यदि बाल तैलीय हों तो आधा कप गुलगुने पानी में दो चम्मच नींबू का रस मिला कर गीले बालों में लगाएं। दस मिनट बाद पानी से धो लें। बाल धोते समय कम पानी का प्रयोग करें ताकि सारा कन्डीशनर बालों से न निकल जाए।
रूखे बालों के लिए बालों में कच्चा दूध लगका कर 10 मिनट पश्चात बाल धो दें।
सामान्रू बालों के लिए दो छोटे चम्मच ग्लिसरीन में एक चम्मच सिरका मिलाकर लगाएं तथा 10-15 मिनट बाद बाल धोएं।
अण्डा भी एक अच्छा हेयर कन्डीशनर है। अण्डे में नींबू का रस मिलाकर लगाने से बालों में चमक आती है तथा बाल स्वस्थ होते हैं।
मेहंदी का प्रयोग-हेयर कन्डीशनर के रूप में मेहंदी का प्रयोग सर्वोत्तम माना जाता है। इसका प्रयोग महीने में एक या दो बार ही करना चाहिए। मेहंदी केप्रयोग से बालों में हल्का सा रंग आता है तथा बाल स्वस्थ रहते हैं।
एक कप मेहंदी चाय के उबले पानी में रात को भिगोएं सुबह इसमें नींबू या अण्डा मिलकार बालों में समान रूप से हर ओर लगा लें। आधे-पौने घण्टे के बाद सिर धो डालें।