गणेश चतुर्थी पूजा विधि
Ganesh Chaturthi Pooja Vidhi
हिंदू धर्म में देवी-देवताओं का बहुत बड़ा स्थान होता है. यहां की धार्मिक संस्कृति में आपको कई देवी-देवता मिलेंगे. इन देवी-देवताओं में सबसे अग्रणी हैं भगवान गणेश. भगवान गणेश को हिंदू धर्म में सबसे पहले पूजे जाने वाले देवता का स्थान प्राप्त है और उनकी बाल लीलाएं भी बेहद रोचक और मनोरंजक हैं.
गणेश जी को विघ्न विनाशक और बुद्धिदाता कहा जाता है. हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान श्री गणेश का नाम लेकर ही किया जाता है. हाथी जैसा सिर होने की वजह से उनका एक नाम गजानन भी है. गणेश जी के कई नाम हैं और हर नाम से जुड़ी अलग-अलग कहानियां भी.
भगवान श्री गणेश के महत्व को दर्शाता त्यौहार गणेशोत्सव भी उनकी ही तरह प्रसिद्ध और फलकारी माना जाता है.
गणेशोत्सव की शुरुआत गणेश चतुर्थी से होती है. गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है. गणेश चतुर्थी से अनन्त चतुर्दशी (अनंत चौदस) तक दस दिन गणेशोत्सव मनाया जाता है. भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी ही गणेश चतुर्थी कहलाती है. इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को है और गणेशोत्सव 29 सितंबर तक चलेगा.
Ganesh Chaturthi Pooja Vidhi in Hindi
गणेश चुतर्थी भारत का एक अहम त्यौहार है. इस दिन पूजा करने वाले इंसान को सुबह उठकर स्नानादि से निवृत होकर सोना, तांबा, चांदी, मिट्टी या गोबर से गणेश की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा करनी चाहिए. पूजने के समय 21 मोदकों का भोग लगाना चाहिए. इसके साथ ही हरित दूब (घास) के इक्कीस अंकुर लेकर यह दस नाम लेकर चढ़ाने चाहिये – ऊँ गताप नम:, ऊँ गोरीसुमन नम:, ऊँ अघनाशक नम:, ऊँ एक दन्ताय नम:, ऊँ ईश पुत्र नम:, ऊँ सर्वसिद्धिप्रद नम:, ऊँ विनायक नम:, ऊँ कुमार गुरु नम:, ऊँ इम्भववक्त्राय नम:, ऊँ मूषकवाहन संत नम:. इसके बाद इक्कीस लड्डुओं में दस लड्डू ब्राह्मणों को दान देना चाहिए और ग्यारह लड्डू प्रसाद रूप में बांटे और खाने चाहिए.
Ganesh Chaturthi Vrat: गणेश चुतर्थी व्रत का फल
पुराणों में इस बात का बड़ा महत्व बताया गया है कि इस व्रत को करने से संतान प्राप्ति, दीर्घायु, मानसिक तथा शारीरिक बल की वृद्धि होती है. इस व्रत को करने से सभी संकटों एवं बाधाओं की समाप्ति होती है.