मकर-संक्रांति व्रत विधि | Makar Sankranti Vrat Vidhi in Hindi
हिन्दू धर्म के अनुसार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना "मकर-संक्रांति" कहलाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि इस दिन सूर्य देवता अपने पुत्र शनि के घर स्वयं उनसे मिलने गए थे। संक्रांति के लगते ही सूर्य उत्तरायण हो जाते है। हिन्दू ध्रम में इस दिन व्रत और दान (विशेषकर तिल के दान का) का विशेष महत्व होता है।
मकर संक्रांति के नाम (Makar Sankranti Names in Hindi)
मकर संक्रांति अधिकतर जनवरी माह की 14 तारीख को आती है। इस उत्सव को अनेकों स्थानों पर भिन्न प्रकार के नामों से पुकारा जाता है जैसे कि कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश में संक्रान्ति, बिहार, यूपी में खिचड़ी तथा तमिलनाडु में पोंगल नाम से संबोधित किया जाता है।
मकर संक्रांति व्रत विधि (Makar Sankranti Vrat Vidhi in Hindi)
भविष्यपुराण के अनुसार सूर्य के उत्तरायण या दक्षिणायन के दिन संक्रांति व्रत करना चाहिए। इस व्रत में संक्रांति के पहले दिन एक बार भोजन करना चाहिए। संक्रांति के दिन तेल तथा तिल मिश्रित जल से स्नान करना चाहिए। इसके बाद सूर्य देव की स्तुति करनी चाहिए। इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व होता है।
संक्रांति पूजा समय (Auspicious Timing For Pooja on Makar Sankranti 2022)
संक्रांति के दिन पुण्य काल में दान देना शुभ माना जाता है। इस साल यह शुभ काल 14 जनवरी, 2022 को 2 PM बजकर 43 मिनट से लेकर 6 बजकर 21 मिनट तक का है। (शुभ मुहूर्त दिल्ली समयानुसार है।)