वास्तु शस्त्र: वास्तु दिशा की शक्तियां | Powers of architectural direction by vastu shastra.
दक्षिण-दक्षिण--पश्चिम (द.द.प)
विसर्जन एवं अपव्यय का दिशा - इस दिशा की ऊर्जा आपके जीवन के लिए बेकार और अनुपयोगी सभी चीजों को आपकी जिंदगी से हटा देती है। इस ऊर्जा की अनुपस्थिति के परिणामस्वरूप समय, धन और प्रयास महत्वहीन चीजों, निष्फल विचारों, क्रियाकलापों और बहस इत्यादि में व्यर्थ जाते है। यह शौचालय के लिए सर्वोत्तम दिशा है।
दक्षिण-पश्चिम (द.प)
संबंधों और दक्षता का दिशा - यह दक्षता, विवाह, पारिवारिक तालमेल, जुड़ाव, जीवन में स्थायित्व एवं रिश्तों का दिशा है। यह दिशा आपकी प्रसुप्त प्रतिभाओं को भी जागृत करता है। अपनी दक्षता का विकास करने के लिए अपनी सभी डिग्रियाँ, प्रमाण-पत्र और पुरस्कार इस दिशा में रखे। यह कार्य स्थल के लिए आदर्श दिशा है।
पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम (प.द.प)
शिक्षा एवं बचत का दिशा - पश्चिम-दक्षिण पश्चिम का दिशा अध्ययन, पढ़ाई-लिखाई, बार-बार विद्याभ्यास, ज्ञान, शिक्षा और बचत का दिशा है। यदि यह दिशा संतुलित है, तो कम प्रया समें बेहतर परिणाम एवं प्रदर्शन सुनिश्चित करता है। बच्चों के शयनकक्ष के लिए यह आदर्श दिशा है।
पश्चिम (प)
प्राप्तियों एवं लाभों का दिशा - इस दिशा की ऊर्जा यह सुनिश्चित करती है कि आपके द्वारा उठाया गया कोई भी कदम अथवा प्रयास व्यर्थ नहीं जाएगा। यह दिशा आपको बिना थके कार्य करने की ऊर्जा भी प्रदान करता है और तेजी से काम करने की दक्षता भी। यह ऊर्जा शरीर के लिए भोजन जैसा काम करती है। यह भोजनकक्ष के लिए आदर्श क्षेत्र है।
पश्चिम-उत्तर-पश्चिम (प.उ.प)
डिपै्रशन का दिशा - यह रोदन का दिशा है, यथा तनाव मुक्ति का। केवल 20 से 25 मिनट इस दिशा में समय बिताने पर आप अतीत के सभी नकारात्मक प्रभावों से स्वयं को मुक्त महसूस कर सकते है; नहीं तो यह अन्यथा ही उच्च रक्तचाप, तनाव और अवसाद का कारण बनता है। कूड़ेदान रखने के लिए यह एक आदर्श दिशा है।
उत्तर-पश्चिम (उ.प)
सहयोग एवं बैंकिंग का दिशा - यह दिशा भविष्य के लिए आपको सहायता संरक्षित करने में समर्थ बनाता है। प्राचीन काल में इन दिशाओं का उपयोग अनाज रखने अथवा भंडारण के लिए किया जाता था। उत्तर-पश्चिम दिशा ऐसी ऊर्जा उत्पन्न करता है जो आपके ध्येय में सहायक लोगों एवं वस्तुओं को आपके जीवन में आकर्षित करती है। यह भंडार के लिए आदर्श दिशा है।
उत्तर-उत्तर-पश्चिम (उ.उ.प)
आकर्षण एवं काम (सेक्स) का दिशा - यह सेक्स में आनंद एवं संतोष की अनुभूति कराने वाला दिशा है। इस दिशा द्वारा उत्पन्न ऊर्जा पति-पत्नी के बीच के बंधन को मजबूती प्रदान करती है। अतः यह दांपत्य जीवन में परमानंद प्राप्त करने का दिशा है। नवविवाहितों के शयनकक्ष के लिए यह आदर्श दिशा है।
उत्तर (उ)
धन एवं अवसरों का दिशा - उत्तरी दिशा निधि (खजाना) या धन का प्रतिनिधित्व करता है। इसकी ऊर्जा पैसे कमाने के नए अवसर उत्पन्न करने में आपकी मदद करती है। यदि यह दिशा असंतुलित है, पैसे की कमी बनी रहेगी और आप अपनी क्षमताओं के अनुरूप परिणाम प्राप्त नहीं कर सकेंगे। यह उन बच्चों के शयनकक्ष के लिए आदर्श दिशा है जो करियर की संभावनाएं तलाश रहे है।
उत्तर-उत्तर-पूर्व (उ.उ.पू)
स्वास्थ्य एवं आरोग्य का दिशा - यह दिशा शारीरिक स्थितियों का संतुलन सुनिश्चित करता है। यदि यह दिशा गड़बड़ है, तो आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता और प्रतिरक्षी तंत्र कमजोर पड़ जाएगा, बीमारियाँ ज्यादा घेरेंगी एवं ठीक होने में वक्त लगेगा। यह दवाइयां रखने के लिए आदर्श दिशा है।
एक भवन में, मुख्यतः पंचतत्वों के असंतुलन के कारण ये क्षेत्रीय शक्तियाँ अतिप्रभावी या निष्प्रभावी हो सकती है। दोनों ही परिस्थितियों में, ये उस भवन में रहने वाले लोगों के जीवन को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है।
सही रंगों, धातुओं, शेप्स, प्रतीकों और महावास्तु की अन्य विभिन्न तकनीकों के प्रयोग की सहायता से इन क्षेत्रों को संतुलित एवं जीवन में मनोवांछित परिणामों की प्राप्ति के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है।