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वास्तु शास्त्र टिप्स | Special Vaastu Shastra Tips For Your Home in Hindi.
बार-बार पूछे जाने वाले वास्तु शास्त्र सम्बंधित प्रश्न | Frequently Asked Questions about Vastu Shastra.
» शरीर को बेहतर रखने और अपनी दक्षताओं का विकास करने के वास्तु उपाय
भगवान विष्णु पूरे ब्रह्मांड को व्यवस्थित रखते है। गरूड़ भगवान विष्णु का विश्वसनीय वाहन और परिचारक है। गरूड़ एक शस्त्र के तौर पर ब्रह्मांड को व्यवस्थित रखने में भगवान की सहायता करता है। गरूड़ एक ऐसा पक्षी के रूप में हमारे सामने आता है जो दिखता बाज जैया है परंतु उसके हाथ और सिर मानव के से होते है। अतः यह तीक्ष्ण दूरदृष्टि, मानवीय बुद्धिमत्ता एवं चेतना का मिश्रित रूप है। अपने शरीर को बेहतर रखने और अपनी दक्षताओं का विकास करने के लिए गरूड़ को दक्षिण-पश्चिम वास्तु क्षेत्र में रखें।
» पीले फूलदान के साथ अपव्यय रोकें
अपने घर के दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम वास्तु क्षेत्र में जमीन या मेज पर रखा पीले रंग का मिट्टी का फूलदान स्थायित्व प्रदान करता है। यह उपाय अनावश्यक एवं अनवांछित खर्चों को कम करता है और बचत को बढ़ावा देता है। यह आपके पौरूष, शक्ति, स्वास्थ्य और संबंधों को भी नष्ट होने से बचाता है।
» प्रेम के बंधन को मजबूत करें वास्तु के ये उपाय
यह प्रतीक छोटे-छोटे मुद्दों पर उत्पन्न हुए गलतफहमियों, असंतोष एवं तनाव को दूर करने एवं विवाहित युगलों के बीच प्रेमपूर्ण संबंध निभाने में काफी प्रभाव होता है।
जीवनसाथी की तलाश में भी प्रेमीपंछी सहायक होते है। यदि आपको बच्चा विवाह करने लायक है, उसके कमरे के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में प्रेमी-पंछी रखें। यह इस बात को सुनिश्चित करता है कि आपके बच्चे को जल्दी ही एक प्यारा और आदर्श जीवनसाथी मिलेगा।
» शिक्षा एवं अध्ययन का विकास करें
किसी भी क्षेत्र में सिर्फ एक स्वास्तिक बनाकर हम अपने वास्तुक्षेत्रों को स्वाभाविक रूप से शाश्वत के साथ संबंद्ध कर सकते है। अपने बच्चों का ध्यान अध्ययन और शिक्षा में लगाने के लिए पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम वास्तु क्षेत्र में स्वस्तिक लगायें। यह उनके अध्ययन में अच्छा प्रदर्शन कराने में कारगर होगा।
» जाने अपने क्षेत्र के कुशल खिलाड़ी कैस बनें
सारी क्षमताओं, ज्ञान, अवसरों और संसाधनों की उपलब्धता के बावजूद भी यदि आप सही लक्ष्य तक नहीं पहुंच पा रहे है और उसे सही दिशा देने में सक्षम नहीं हो पा रहे है तब पश्चिम वास्तु क्षेत्र मे शतरंज की बिसात रखें और अपनी छुपी हुई प्रतिभाओं को जागृत करें। यह बिसात आपको हर समय एक ऊंची छलांग लगाने में समर्थ बनाएगा; वह भी सही समय और सही जगह पर।
» हिरण के साथ खुद में गति और सर्तकता जोड़ें
अपने घर के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम वास्तु क्षेत्र में मेज अथवा जमीन पर एक हिरण की मूर्ति रखें। किसी धीमी व्यवस्था में भी यह प्राण और गति फूंक देगा और किसी गंभीर उलझी हुई स्थिति को सुलझा पाने की दक्षता विकसित करेगा। हिरण न सिर्फ व्यवस्था में गति लाता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि सारे काम उच्चतम दक्षता के साथ होंगे। यह आपकी कंपनी में कार्यरत सभी लोगों के बीच समन्वय भी बढ़ाता है।
» पिरामिड के साथ सकारात्मक ऊर्जाओं को बढ़ायें
पिरामिड बहुत शक्तिशाली होते है; अतः इनका इस्तेमाल बहुत सावधानी पूर्वक किया जाना चाहिए। यह किसी क्षेत्र की ऊर्जा को लगभग 108 गुणा बढ़ा देता है। यदि उत्तर में रखा जाए तो पिरामिड आमदनी के लिए उत्तरदायी ऊर्जा को बढ़ाता है। उत्तर-उत्तर पूर्व वास्तु क्षेत्र में यह स्वास्थ्यपूर्वक होता है और उत्तर-पूर्व वास्तु जोन में यह प्रज्ञा और जागरूकता हो जागृत करता है। पिरामिड की हमेशा जमीन पर, उत्तर-दक्षिण धुरी पर ही रखें। याद रखें इसे दीवार, द्वार अथवा छत में चिपकाया नहीं जाना चाहिए। यह खतरनाक प्रभाव उत्पन्न कर सकता है।
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