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चाणक्य नीति: बिजनेस, नौकरी या किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए याद रखें ये बातें
चाणक्य नीति: बिजनेस, नौकरी या किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए याद रखें ये बातें
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। जिन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। इन्होंने अपनी तेज बुद्धि और नीतियों के बल पर चंद्रगुप्त मौर्य को नंदवंश का नाश करके राजा बना दिया। इनके द्वारा रचित चाणक्य नीति ग्रन्थ आज के समय में भी काफी कारगर साबित होता है। जीवन में सफलता पाने को लेकर चाणक्य ने कई नीतियां बताई हैं जिसका अनुसरण करके आप बिजनेस, नौकरी या किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकते हैं।
- चाणक्य नीति अनुसार जीवन में सफलता हासिल करने के लिए हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि हमेशा दूसरों की गलतियों से सीखने का प्रयास करें क्योंकि अगर अपने ऊपर प्रयोग करके देखेंगे तो सीखने के लिए उम्र कम पड़ जायेगी।
- चाणक्य का ये भी कहना है कि मित्रता हमेशा बराबरी के लोगों से करनी चाहिए। क्योंकि जो लोग आपके बराबर के नहीं होंगे वह हमेशा कष्टदायी होंगे।
- चाणक्य अनुसार बीते हुए समय को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं होना चाहिए। जो व्यक्ति बीते समय को लेकर पछतावा करता है वो कभी आगे नहीं बढ़ पाता। समझदार व्यक्ति हमेशा वर्तमान समय के बारे में सोचता है।
- शिक्षा से हमेशा मित्रता रखनी चाहिए। क्योंकि शिक्षित व्यक्ति हमेशा सम्मान पाता है। शिक्षा के आगे बल और सुंदरता दोनों ही निरर्थक हैं।
- व्यक्ति को जरूरत से ज्यादा सीधा नहीं होना चाहिए। क्योंकि सीधे इंसान को सभी परेशान करते हैं। जैसे जंगल में सीधे खड़े वृक्ष सबसे पहले काट दिये जाते हैं।
- कोई काम शुरू करने से पहले, खुद से तीन सवाल जरूर कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूं, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल हो पाऊंगा? और जब गहराई से सोचने पर इन सवालों के संतोषजनक जवाब मिल जाएं, तभी आगे बढ़ें।
- एक बार जब आप कोई काम शुरु कर देते हैं, तो असफलता से डरे नहीं और ना ही उसे त्यागें। ईमानदारी से काम करने वाले लोग खुश रहते हैं।
- कुछ लोग हालातों को बदलने का प्रयास नहीं करते। जीवन जैसे चल रहा है, बस जीते चले जाते है। पर जो प्रगति करना चाहते हैं – वे अपना सब कुछ दांव पर लगाने से नहीं डरते। संभावना है कि वे हार जाएं, कुछ न कर पाएं लेकिन यह जो कुछ कर दिखाने का प्रयास है। यही उन्हें दूसरे से अलग बनाता है।
1. कामवासना : छात्र को कामवासना से दूर रहना चाहिए. यदि कोई छात्र कामवासना में पड़ता है तो वैसे छत्रों को अध्ययन में मन नहीं लगता. कामवासना के विचार से मन हमेशा भटकता रहता है. फलस्वरूप छात्र-छात्राओं के लिये काम क्रिया से दूर रहना ही उत्तम होता है.
2. क्रोध : आचार्य चाणक्य कहते हैं कि गुस्सा तो हर इंसान के लिए सबसे बड़ा शत्रु होता है. क्रोध के वश में आते ही व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है. क्रोध से छात्रों को हमेशा बचना चाहिए.
3. लालच : लालच अध्ययन के मार्ग में बड़ा बाधक माना जाता है. कहा भी गया कि लालच बुरी बला है. छात्रों को किसी भी बात के लिए लालच नहीं करना चाहिए.
4. स्वाद : छात्र जीवन को तपस्वी की तरह माना गया है. छात्र को स्वादिष्ट भोजन का प्रयास छोड़ देना चाहिए और संतुलित आहार लेने की कोशिश करनी चाहिए.
5. मनोरंजन : आचार्य चाणक्य का मानना है कि छात्रों के लिए आवश्यकता से अधिक मनोरंजन नुकसानदायक हो सकता है. जितना संभव हो उतना ही मनोरंजन करें.
6. नींद : स्वस्थ शरीर के लिए नींद पर्याप्त होना जरूरी है. इससे मन शांत और अध्ययन में मन लगा रहता है. अधिक नींद लेने वाले विद्यार्थियों को समय अभाव और आलस्य जैसी कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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Published: July 12, 2022 - 06:22 | Updated: July 12, 2022 - 06:22
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