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Tax Saving Planning IT Act 80C Smart Investment Plans
बेहतर प्लानिंग से होती है अधिक से अधिक टैक्स सेविंग, अभी से करें तैयारी
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Tax Saving Plans: अधिक से अधिक टैक्स सेविंग के लिए पहले से प्लानिंग करना फायदेमंद होता है. कई ऐसे प्लान मौजूद हैं, जो न सिर्फ टैक्स सेविंग कराते हैं, बल्कि टैक्स र्फी रिटर्न भी देते हैं.
इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) में टैक्स सेविंग (Tax Saving Instruments) करने के कई उपाय किए गए हैं. टैक्स के दायरे (Tax Bracket) में आने वाले लोग इसके लिए बेहतर प्लानिंग (Tax Saving Plans) बनाकर अधिक से अधिक टैक्स सेविंग कर सकते हैं. इसके लिए इंवेस्टमेंट (Tax Saving Investment) के कई विकल्पों का सहारा लेना पड़ता है. हालांकि आम तौर पर लोग टैक्स सेविंग प्लानिंग को अंतिम समय के लिए टालते रहते हैं और फिर हड़बड़ी में बेहतर विकल्प नहीं चुन पाते हैं. अंतिम समय में होने वाली ऐसी गलतियों से बचने के लिए पहले से ही प्लानिंग करना ठीक रहता है.
समय रहते प्लानिंग से मिलती है मदद
वित्त वर्ष 2021-22 (FY22) के समाप्त होने में अभी चार महीने बचे हुए हैं. अगले महीने यानी दिसंबर के अंत तक हर टैक्सपेयर (Taxpayer) को इस बात का अंदाजा लग जाता है कि संबंधित वित्त वर्ष में उसकी टैक्स देनदारी कितनी बन रही है. इसके हिसाब से अगले तीन महीने में यानी अगले साल के मार्च तक प्लानिंग कर इंवेस्टमेंट करने का समय रहता है. पहले से प्लानिंग हो तो इन तीन महीनों में अधिक से अधिक टैक्स सेविंग सुनिश्चित की जा सकती है.
इनकम टैक्स एक्ट के इस सेक्शन को समझना जरूरी
टैक्स की बचत करने के लिए इनकम टैक्स एक्ट का सेक्शन 80सी (IT Act 80C) अहम हो जाता है. टैक्स सेविंग करने का सीजन (Tax Saving Season) हर वित्त वर्ष में एक अप्रैल से शुरू हो जाता है. इसके लिए बाजार में कई टैक्स सेविंग प्लान मौजूद हैं. एक स्मार्ट टैक्सपेयर को ऐसा प्लान चुनना चाहिए, जो न सिर्फ टैक्स सेविंग कराता हो बल्कि टैक्सफ्री रिटर्न (Tax Free Return) भी देता हो.
टैक्स सेविंग प्लान चुनते समय इन बातों पर करें गौर
टैक्स सेविंग प्लान चुनते समय कुछ जरूरी बातों पर गौर करना चाहिए. जैसे प्लान की लॉक-इन पीरियड (Lock-In Period) क्या है, प्लान का रिटर्न टैक्सफ्री है या नहीं और वह कितना सुरक्षित है. कई बार अधिक रिटर्न के लोभ में करदाता गलत प्लान चुनकर अपनी सेविंग (Saving) से भी हाथ धो बैठते हैं. ऐसे में उन्हीं प्लान को चुनना चाहिए, जो अच्छा रिटर्न देने के साथ ही सुरक्षा का भरोसा भी देते हों. एक इंवेस्टर डेढ़ लाख तक के इंवेस्टमेंट पर टैक्स सेविंग के लिए इलिजिबल होता है, हालांकि एनपीएस (NPS) का विकल्प चुनकर इसे दो लाख तक बढ़ाना संभव है.
Published: Dec 01, 2021 10:20 AM IST | Updated: Dec 01, 2021 10:20 AM IST
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