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Vijaya Ekadashi 2024: विजया एकादशी व्रत 06 और 07 मार्च को, जानिए इसके पीछे छिपा कारण? महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Vijaya Ekadashi 2024: सनातन धर्म में भगवान विष्णु की उपासना के लिए एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्च माह के प्रारंभ में विजया एकादशी व्रत रखा जाएगा.

Vijaya Ekadashi 2024

Vijaya Ekadashi 2024 06 or 07 March: वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत का पालन किया जाता है. धर्म शास्त्रों में एकादशी व्रत के महत्व को विस्तार से बताया गया है. मान्यता है कि एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की विधिवत उपासना करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है और कई प्रकार के कष्टों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है. बता दें कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन विजया एकादशी व्रत रखा जाएगा. कुछ लोगों के मन में व्रत की तिथि को लेकर संशय बना हुआ. है ऐसे में ज्योतिषाचार्य श्याम चंद्र मिश्र जी से जानते हैं, कब रखा जाएगा विजया एकादशी व्रत, शुभ मुहूर्त और व्रत पारण समय.

विजया एकादशी 2024 तिथि (Vijaya Ekadashi 2024 Date)

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 06 मार्च सुबह 06:25 पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 07 मार्च सुबह 4:10 पर होगा. एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की उपासना अभिजीत मुहूर्त में की जाती है. ऐसे में स्मार्त संप्रदाय का पालन करने वाले साधक, विजया एकादशी व्रत 06 मार्च 2024, बुधवार के दिन रखेंगे. वहीं वैष्णव संप्रदाय का पालन करने वाले लोग विजया एकादशी व्रत 07 मार्च 2024, गुरुवार के दिन रखेंगे. विजया एकादशी व्रत का पारण स्मार्त संप्रदाय के लिए 07 मार्च और वैष्णव संप्रदाय के लिए 08 मार्च पंचांग में निर्धारित किया गया है.

विजया एकादशी पूजा महत्व (Vijaya Ekadashi Importance)

धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि जो व्यक्ति प्रत्येक माह की एकादशी तिथि के दिन व्रत का पालन करता है और भगवान विष्णु की उपासना करता है, उन्हें सभी इच्छाओं की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं भी दूर हो जाती है. एकादशी व्रत का पालन करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति का भी लाभ मिलता है. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है की एकादशी व्रत का पालन करने से कई प्रकार के ग्रह दोष दूर हो जाते हैं.

विजया एकादशी पूजा-विधि (Vijaya Ekadashi Puja Vidhi)

विजय एकादशी व्रत के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान करके भगवान विष्णु के समक्ष दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु की विधिवत उपासना करें. इसके बाद अभिजीत मुहूर्त में एक बार फिर स्नान के बाद भगवान विष्णु की पंचोंपचार उपासना करें. इस दौरान भगवान विष्णु को धूप, दीप, हल्दी, कुमकुम, पांच फल, पंचामृत, खीर इत्यादि अर्पित करें. पूजा के दौरान भगवान विष्णु के मूल मंत्रों का जाप निरंतर करते रहें और पूजा के अंत में मन ही मन अपनी मनोकामना दोहराएं व विष्णु जी की आरती के साथ पूजा संपन्न करें.

डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं. Welcomenri.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.

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