» Prayer is not asking. It is a longing of the soul. It is daily admission of one’s weakness. It is better in prayer to have a heart without words than words without a heart.
» प्रार्थना माँगना नहीं है.यह आत्मा की लालसा है. यह हर रोज अपनी कमजोरियों की स्वीकारोक्ति है. प्रार्थना में बिना वचनों के मन लगाना, वचन होते हुए मन ना लगाने से बेहतर है.