महाशिवरात्रि व्रत में क्या-क्या करें
Mahashivratri Vrat: Things To Do
महाशिवरात्रि या शिवरात्रि का व्रत, हिंदुओं का महत्वपूर्ण व्रत है। महाशिवरात्रि व्रत का काफी ज्यादा धार्मिक महत्व है। यह व्रत, भगवान शिव को समर्पित है, माना जाता है कि इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसके अलावा, कई धार्मिक ग्रंथों में इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि इस व्रत को रखने से इंसान को दो महत्वपूर्ण नेचुरल र्फोसेस पर कंट्रोल करने की शक्ति मिलती है जो मानव पर प्रभाव डालती है।
इन दोनों र्फोसेस को राजस और तमस गुणों के नाम से जाना जाता है। राजस गुण अर्थात् घृणा, नफरत, गुस्सा, जलन आदि। तमस गुण का अर्थ होता है भेदभाव और विरोध की भावना का पनपना, इससे विनाशकारी शक्तियां पास में आती है।
हर व्यक्ति इन शक्तियों को पाना चाहता है जिससे वह बुरी शक्तियों से बच सकें और एक अच्छा जीवन व्यतीत कर सकें। महाशिवरात्रि का व्रत, मन को सुख और शांति प्रदान करता है और शरीर को शक्ति प्रदान करता है। अगर आप महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले है तो इन बातों को ध्यान में रखें।
सुबह-सुबह स्नान करें
जिस दिन आप वत रखें, सुबह ही स्नान कर लें और शरीर को स्वच्छ बनाएं रखें। कतई टालमटोल न करें। इससे आपको पॉजिटिव एनर्जी आएगी।
शिवलिंग को स्नान कराएं
स्नान करने के बाद मंदिर या घर में शिवलिंग को गुनगुने पानी, शहद और मिल्क से स्नान करवाएं।
पूजा
शिवलिंग को स्नान कराने के बाद, उस पर बेलपत्री की पत्तियां चढ़ाएं। इन पत्तियों को चढ़ाने से पहले देख लें कि क्या सभी सही है, कोई भी पत्ती फटी नहीं होनी चाहिये। इसके अलावा, आप बेर, फल का भोग लगा सकते है और चंदन और कुमकुम से उनका श्रृंगार कर सकते है।
भोग
भगवान शिव को दूध से बने पदार्थ ज्यादा चढ़ाएं जाते है जैसे- खीर, दही आदि। इसके अलावा, भांग को भी भोग के रूप में चढ़ाया जाता है।
प्रार्थना
भोग चढ़ाने के बाद, ऊं नम: शिवाय का जाप करना चाहिये। साथ ही भगवान शिव के अन्य मंत्रों का भी जाप करें।
दिन और रात का व्रत
शिवरात्रि का व्रत सिर्फ दिन का नहीं होता है। इसे सुबह से शुरू करके अगले दिन सुबह तक रखा जाता है।
व्रत के नियम
महाशिवरात्रि का व्रत बहुत सरल व्रत होता है, इसके लिए किसी भी प्रकार का कोई नियम नहीं होता है। आप दिन में फलाहार आदि खा सकते है। दूध से बनी सामग्री का सेवन करें। सेंधा नमक खा सकते है। कुट्टु से बने आटे की चपाती आदि को भी खा सकते है। Show Thumbnail
रात्रि जागरण
कई लोग, महाशिवरात्रि के व्रत के दौरान रात्रि जागरण करते है और रात भर भगवान शिव की कथाएं आदि सुनते रहते है। उनके भजन गाते है और आराधना करते है।
व्रत की समाप्ति
व्रत को तोड़ने के लिए, अगले दिन सुबह-सुबह स्नान करें और पुन: शिवलिंग को नहलाएं। इसके बाद पूजा करें और फिर प्रसाद ग्रहण करके व्रत को समाप्त कर दें। इस तरह महाशिवरात्रि का व्रत रखा जा सकता है।