शिवरात्रि स्पेशल: आखिर क्यूं पीते हैं भगवान शंकर भांग?
शिवरात्रि स्पेशल
आप में से कई लोग यह जानने के लिए बेहद इच्छुक होंगे कि भगवान शंकर भांग क्यों पीते हैं। भांग एक ऐसा पेय पदार्थ है जो विषैला होता है और यदि शरीर में पहले से कोई विष हो, तो यह उसे उस विष को खत्म कर देता है। यह एक प्रकार के पौधे की पत्तियों को पीसकर बनाया जाता है। इसे भगवान के लिए रस भी माना जाता है।
हिंदु पुराणों में भांग का वर्णन कई बार किया गया है। इसे मानव हित के एक लिए एक औषधि का नाम भी दिया गया है। कई प्रकार के विकारों में इसका इस्तेमाल भी किया जाता है। शरीर की त्वचा और घावों आदि को भरने में भी भांग से बनी दवाईयां लाभकारी होती है।
लेकिन भांग, भगवान शंकर क्यों पीते थे, तो इसे जानने के लिए वेद में दी गई जानकारी को जानते हैं। जो कि निम्न प्रकार है:
वेद: वेदों के अनुसार, जब समुद्र मंथन से अमृत निकला। तो उसकी एक बूंद पर्वत मद्रा पर गिर गई। उस जगह पर एक पेड़ उग आया। उसकी पत्तियों का रस निकालकर ईश्वरों ने आपस में पिया। और वह रस भगवान शंकर का पसंदीदा रस बन गया।
गंगा की बहन: माना जाता है कि भांग, देवी गंगा की बहन है क्योंकि दोनों ही भगवान शंकर से सिर पर निवास करती हैं। भांग के पौधे को माता पार्वती का स्वरूप भी माना जाता है।
सोमरस: भांग को सोमरस के नाम से भी जाना जाता है।
शिव और भांग: ऐसा माना जाता है भगवान ध्यानमग्न रहते हैं। इसलिए वह भांग का सेवन करके मग्न रहते हैं। इस प्रकार, हिंदु धर्म में भगवान शिव के प्रिय पेय पदार्थ भांग के बारे में कई दंतकथाएं हैं।
Shivratri Special: Why Lord Shiva Drinks Bhang?
Bhang is often stigmatised because of its marijuana content. However, according to the ancient Hindu texts, Bhang is one of the most effective, natural medicines available to mankind. It has known to be the cure for many nervous disorders, skin diseases and wounds.