मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर होगी NRI शादियों की डिटेल | Details of Nri Weddings Will Be Done on the Ministry Website
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का कदम, उत्पीड़न-धोखे से बचने के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी हो.
नई दिल्ली : एनआरआई शादी में महिलाओं को उत्पीड़न से बचाने और शादी के नाम पर धोखेबाजी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत सभी शादी के रजिस्ट्रेशन महिला और बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट से लिंक होंगे। इसके साथ ही कई दूसरे कदम उठाने पर विदेश मंत्रालय, कानून मंत्रालय, गृह मंत्रालय और महिला और बाल विकास मंत्रालय के बीच सहमति बनी है। ये कदम लागू होने के बाद कोई एनआरआई शादी के नाम पर लड़कियों का उत्पीड़न नहीं कर पाएगा।
वेबसाइट पर दिखेंगे मैरिज रजिस्ट्रेशन : महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बताया कि एनआरआई मैरिज में लड़कियों के उत्पीड़न और उनके साथ धोखे की शिकायत लगातार बढ़ रही है। इसके बाद हमने विदेश मंत्रालय से मांग की थी कि इसे गंभीरता से लेते हुए जरूरी कदम उठाए जाएं। जस्टिस अरविंद गोयल की अगुवाई में एक जॉइंट कमिटी बनी थी जिसने एनआरआई शादी पर अपनी रिपोर्ट सौंपी है। मेनका ने बताया कि लंबी चर्चा के बाद सभी मंत्रालय इस बात पर सहमत हैं कि शादी के रजिस्ट्रेशन का लिंक महिला और बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी राज्यों के रजिस्ट्रार ऑफिस से कहा जाएगा कि वह सभी शादी के रजिस्ट्रेशन को मंत्रालय की वेबसाइट से इंटीग्रेट करें। इससे मैरिज रजिस्ट्रेशन को सभी लोग देख सकेंगे और धोखाधड़ी के चांस कम होंगे। मेनका ने कहा कि हम इसे इसी महीने के अंत से शुरू कर देंगे। साथ ही विदेश मंत्रालय, कानून मंत्रालय, गृह मंत्रालय और महिला और बाल विकास मंत्रालय के अधिकारियों की एक इंटीग्रेटेड नोडल एजेंसी (आईएनए) बनाई जाएगी। यह एनआरआई शादी में उत्पीड़न या धोखे का शिकार महिला के लिए सिंगल विंडो सिस्टम का काम करेगी।
पासपोर्ट जब्त करने पर भी चर्चा : कानून मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सोमवार को हुई मीटिंग में इस पर भी चर्चा की गई कि नियमों का उल्लंघन करने वाले एनआरआई का पासपोर्ट जब्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी शादियों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन को लेकर कानून जल्द ही बनने की उम्मीद है। इसके बाद एनआरआई के लिए भी एक अलग कानून बनाया जा सकता है। इसमें किसी भी एनआरआई शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए एक लिमिट तय की जा सकती है। उस पीरियड में अगर शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया तो जानकारी मिलने पर एनआरआई का पासपोर्ट जब्त किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक यह सवाल भी उठा कि अगर बिना रजिस्ट्रेशन के ही कोई एनआरआई विदेश चला गया तो कैसे उसे कानून के शिकंजे में लाया जा सकता है। इस पर यह चर्चा की गई कि अगर कोई महिला जिसे उसके एनआरआई पति ने धोखा दिया है और वह कोर्ट में जाकर न्याय मांग रही है तो उस एनआरआई को नोटिस भेजा जाएगा। अगर वह नहीं आया तो उसकी भारत में जो भी प्रॉपर्टी है उसे तब तक अटैच किया जा सकता है जब तक कि वह भारत आकर कानून के समक्ष पेश नहीं होता। कानून मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक मीटिंग में सभी इन उपायों पर सहमत थे। अब राज्यों से भी इस मसले पर बात की जाएगी।
किस-किस तरह के धोखे : जस्टिस अरविंद गोयल कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है कि किस किस तरह से एनआरआई के साथ शादी में महिलाएं धोखे का शिकार बनती हैं। कई मामलों में एनआरआई शादी के बाद महिला को यहीं छोड़ जाते हैं और दहेज का सारा सामान लेकर रफूचक्कर हो जाते हैं। ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिसमें एनआरआई पति पहले महिला को अपने साथ ले जाने के लिए स्पॉन्सरशिप देता है लेकिन आखिरी वक्त में उसे कैंसल कर महिला पक्ष से और ज्यादा पैसे ऐंठता है। मंत्रालय के पास ऐसे मामलों की भी शिकायत आई है जिसमें महिला को एनआरआई पति अपने साथ ले तो जाते हैं लेकिन फिर उसका उत्पीड़न होता है। ऐसे केस भी सामने आए हैं जहां महिला को एनआरआई पति दूसरे देश के एयरपोर्ट पर लेने ही नहीं आते और महिला के पास उनका सही पता तक नहीं होता। कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि किस तरह महिला को अपने साथ न रखकर कुछ वक्त बाद एनआरआई पति ही यह कहकर तलाक का केस डाल देता है कि महिला तो उसके साथ रही ही नहीं।
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