जानें क्यों जरूरी है स्टीम बाथ ओर क्या हैं इसके फायदे- Learn why it is important ,to take steam bath and its benefits
संक्षेपण
स्टीम बाथ से शरीर की सफाई हो जाती है।
स्टीम बाथ से पहले अच्छे से पानी पी लें।
स्टीम बाथ शरीर को कैंसर से बचाता है।
स्टीम बाथ से शरीर में रक्त संचार बढ़ता है।
     स्टीम बाथ सिर्फ सर्दियों में ही नहीं, यह किसी भी मौसम में फायदेमंद होता है। यह त्वचा के रोमछिद्रों को खोलता है और अंदर से साफ करता है, जिससे विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। इस तरह आॅक्सीजन मिलने से त्वचा की मृत कोशिकायें निकल जाती हैं और नयी कोशिकाओं का निर्माण होता है।
     दिन भर की थकान मिटानी हो या फिर तनाव से मुक्ति पानी हो, स्टीम बाथ इन सबके लिए एक कारगर उपाय है। यह तन-मन को राहत देता है। कई लोग इसका इस्तेमाल वनज कम करने के लिए भी करते है।
इम्यूनिटी बढ़ाए
     नियमित रूप से स्टीम बाथ लेने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। स्टीम बाथ लेने पर शरीर का तापमान तेजी से बढ़ जाता है, जिससे बैकटीरिया और वायरस नष्ट हो जाते हैं। इम्यून सिस्टम मजबूत होने से शरीर रोगों से दूर रहता है। यह सर्दियों में फ्लू से भी दूर रखता है। साथ ही बंद नाक को खोलकर आराम देता है।
कैंसर से रखे दूर
     स्टीम बाथ का तापमान 106 से 110 डिग्री फाॅरेनहाइट होता है, जो कैंसर बनाने वाले तत्वों को नष्ट कर देता है। साथ ही किसी भी प्रकार के संक्रमण से शरीर को दूर रखता है।
बाहर निकाले विषैले तत्व
     स्टीम और सौना बाथ शरीर में मौजूद विषैले तत्वों को बाहर निकालने का सबसे बेहतरीन उपाय है। स्टीम बाथ से निकलने वाले पसीने के साथ ही शरीर के नुकसानदेह टाॅक्सिन बाहर निकल जाते हैं। अगर अधिक धूम्रपान करने वाला स्टीम रूम में बैठ जाए तो उसके तौलिये में पीले रंग का कुछ शेष नजर आएगा। मसाज के बाद स्टीम बाथ लेने से दोगुना आराम मिलता है। यह सिर से पांव तक पूर शरीर और मांसपेशियों को आराम देता है। तनाव भी दूर करता है। स्टीम बाथ के बाद वार्म शाॅवर लेने से रात में नींद बहुत अच्छी आती है।
रक्त संचार बढ़ाए
     स्टीम से रक्तसंचार बढ़ता है। यह बिना ब्लड प्रेशर बढाए नाडी की गति को बढाने में मदद करता है। क्योंकि गर्माहट के कारण रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं और रक्त संचार तेज हो जाता है। इस तरह त्वचा में पोषक तत्वों का संचार होता है, जो उसे सौम्य, कोमल और कांतिमय बनाता है।
ध्यान रखें
     ह्नदय रोगी और कार्डियोवैस्कुलर एक्टीविटी करने वालों को स्टीम बाथ नहीं लेना चाहिए। इसके अलावा गर्भवती स्त्रियों, जिन्हें बुखारा हो और शिशु को स्टीम बाथ नहीं लेनी चाहिए।
कैसे लें स्टीम बाथ
     स्टीम बाथ तब तक लें जब तक कि आपको आराम मिले। लेकिन ट्रीटमेंट के तौर पर एक बार में 15 मिनट से अधिक न लें। अगर किसी भी प्रकार की समस्या या दिक्कत हो तो स्टीम बंद कर दें। स्टीम बाथ से पसीना बहुत निकलता है। इसलिए पानी खूब पी लें। स्टीम लेने से पहले एक ग्लास भर कर पानी जरूर पी लें। ट्रीटमेंट के बाद कुछ तरल पदार्थ जरूर लें। नीबू, नमक पानी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। स्टीम रूम में जाने से पहले शाॅवर ले लें। बाथ लेने के बाद कमरे के तापमान में पहले सामान्य अवस्था में आएं फिर ठंडे या गर्म पानी से नहाएं। अगर आप दोबारा स्टीम सेशन लेना चाहती हैं तो पहले सामान्य अवस्था में आएं।