मेकअप का अर्थ केवल चेहरे पर रंग पोतना नहीं, वरन यह एक ऐसी रचनात्मक कला है जिसके प्रयोग से एक साधारण रंग-रूप की युवती को भी सुंदरियों की श्रेणी में खड़ा किया जा सकता है। पूर्णतः निर्दोष चेहरे बहुत कम देखने को मिलते हैं। सामान्यतया हर चेहरे में काई न कोई कमी, जैसे-लंबा चेहरा, सांवला रंग, नाक व होंठों का खराब आकार, झुर्रियां, आंखों के गिर्द काले घेरे इत्यादि अवश्य होती है। मेकअप का उद्देश्य चेहरे की इन कमियों को ढूंढकर इन्हें छिपाना या सही करना तथा चेहरे की अच्छाइयों को उभारना है। इस कला में माहिर होने के लिए आवश्यकता है थोड़ी सी लगन और अभ्यास की। पुस्तक के इस अध्याय में हम आपको मेकअप की कला से संबंधित वह आवश्यक जानकारी देंगे कि आपके चेहरे की कोई भी समस्या क्यों न हो, आप ने केवल प्रोफेशनल ब्यूटीशयन की भांति उससे निपट सकेंगी, बल्कि अपने चेहरे की अच्छाइयों को अभारकर हर किसी की प्रशंसात्मक निहागों का केन्द्र भी बन जाएंगी।
मेकअप से पूर्व
     1 कल्पना कीजिए कि आपका चेहरा एक कैनवस की भांति है तथा आपको एक कुशल चित्रकार की भांति अपने चेहरे परएक खूबसूरत चित्र बनाना है।
     2 अपने चेहरे का आकार, उसकी त्वचा की किस्म और उसकी रंगत पहचानिए तथा चेहरे की उन समस्याओं (जैसे- चोट अथवा कील-मुहांसों के निशान, नाक का छोटा या बड़ा होना इत्यादि) को ध्यान में रखिए, जिन्हें आप मेकअप द्वारा छिपाना चाहती हैं। तभी आप सफल मेकअप कर पाएंगी।
     3 मेकअप से पूर्व अपना हेयर स्टाइल और पोशाक निर्धारित कर लें ताकि आपको आई शैड़ों और लिपस्टिक का चुनाव करने में परेशानी न हो।
     4 यदि मेकअप करके दिन के प्रकाश में रहना है तो मेकअप के समय आपके चेहरे पर दिन का उजाला ही पड़ना चाहिए। रात के लिए किए जाने वाले मेकअप के समय चेहरे पर कृत्रिम प्रकाश जैसे-विद्युत प्रकाश आदि पड़ना चाहिए।
     5 ऐसी प्रसाधन सामग्री का चुनाव किया जाना चाहिए जो चेहरे से सरलतापूर्वक साफ की जा सके और पसीने तथा ताप की भिन्नताको झेल सके। जिन सौन्दर्य प्रसाधनों से एलर्जी उत्पन्न होती हो उनका प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
     6 अधिक आयु वाली महिलाओं को हल्का मेकअप करना चाहिए। मस्कारा और आई लाइनर आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
     7 तैलीय त्वचा पर तरल तथा एस्ट्रिन्जेन्ट आधारित मेकअप का प्रयोग कीजिए।
     8 शुष्क त्वचा पर माॅइश्चराइजर के साथ क्रीम मेकअप का प्रयोग प्रभावी है।
     9 सामान्य त्वचा पर किसी भी प्रकार का मेकअप किया जा सकता है।
     10 मिली-जुली त्वचा पर तरल मेकअप किया जाता है, परंतु शुष्क भागों पर माॅइश्चराइजर लगाया जाता है।
     11 संवेदनशील त्वचा पर एलर्जी उत्पन्न न करने वाला तरल या क्रीम मेकअप किया जाता है। मेकअप हल्का तथा माॅइश्चराइजर के साथ किया जाना चाहिए।
सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री
     1 चेहरे की सफाई के लिए क्लीन्जिंग क्रीम तथा लोशन
     2 चेहरे की टोनिंग के लिए टोनर या एस्ट्रिन्जेन्ट
     3 चेहरे को नमी प्रदान करने के लिए माॅइश्चाइजर
     4 फाउण्डेशन-मेकअप की आधारशिला
     5 चेहरे की कमी को छुपाने तथा चेहरे के कुछ भागों को उजागर करने के लिए हाईलाइटर्स व शेडर्स
     6 गालों को रंगत प्रदान करने के लिए ब्लॅशर, रूज आदि
     7 आंखों की रंगत प्रदान करने के लिए आई शैडो
     8 आंखों को उपयुक्त आकार प्रदान करने के लिए आई लाइनर
     9 आंखों को उपयुक्त सुंदरता प्रदान करने के लिए मस्कारा
     10 आई लैश को उपयुक्त आकार देने के लिए आई लैश कर्लर
     11 फाउण्डेशन पर प्रयोग के लिए फेस पाउडर (लूज या प्रेस्ड)
     12 होंठों की खूबसूरती के लिए लिपस्टिक तथा लिप ग्लाॅस
     13 सफाई अथवा मेकअप सही करने के लिए काॅस्मैटिक स्पंज, रूई, टिशू पेपर
     14 विभिन्न आकारों के ब्रश (लिप ब्रश, आई लाइनर, चीक ब्रश)
     15 छोटा भगोना
     16 हेयर बैन्ड
     17 तौलिया
     18 डिब्बी से क्रीम आदि निकालने के लिए स्पैचुला
     19 अंतिम ग्लैमर टच के लिए ग्लॅस तथा स्प्रे आदि
मेकअप क्रम
     1 क्लीन्जिंग
     2 टोनिंग
     3 माॅइश्चराइजिंग
     4 फाउण्डेशन
     5 पाउडर
     6 हाईलाइटर, ब्लॅशर, शेडर आई शैडो का प्रयोग
     7 मस्कारा तथा आई लाइनर का प्रयोग
     8 आई लेश कर्लर का प्रयोग
     9 आइब्रो पैंसिल
     10 लिपस्टिक
मेकअप विधि
     क्लीन्जर का प्रयोग तथा उसके चेहरे की त्वचा पर प्रभाव- क्लीन्जिंग मिल्क/क्रीम हथेलियों, द्वारा चेहरे पर लगाकार ऊपर तथा बाहर की ओर गोलाकर रूप में चेहरे की मालिश। तत्पश्चात रूई द्वारा साफ कर दीजिए। रूई से आंखों तथा होंठों को विशेष रूप से साफ कीजिए। या फिर रूई का टुकड़ा क्लीन्जर मिल्क/क्रीम में डुबोकर चेहरे पर नीचे से ऊपर तथा बाहर की ओर मलते हुए चेहरे की सफाई करें।
     क्लीन्जिंग क्रीम त्वचा के भीतर प्रवेश नहीं करती है बल्कि शरीर के ताप से पिघलकर एकसार रूप में चेहरे पर फैल जाती है और चेहरे की सफाई करती है। चेहरे की धूल-मिट्टी, मेकअप अदि हटाती है। क्लीन्जंग बंद कोशिकाओं को खोलती है। कीटाणुओं से त्वचा की रक्ष करती है तथा रक्त संचार बढ़ाती है।
     स्किन टोनर या एस्ट्रिन्जेन्ट लोशन का प्रयोग तथा चेहरे की त्वचा पर उसका प्रभाव- तैलीय त्वचा पर एस्ट्रिन्जेन्ट लोशन तथा शुष्क त्वचा पर स्किन टोनर का प्रयोग कीजिए। स्किन टोनर या एस्ट्रिन्जेन्ट लोशन में रूई का टुकड़ा भिगोकर पूरे चेहरे तथा गर्दन पर थपथपा कर लगाइए।
     स्किन टोनर या एस्ट्रिन्जेन्ट के प्रयोग से त्वचा के रोम- छिद्र बन्द हो जाते हैं तथा त्वचा पर संक्रमण नहीं होता है। रोम-छिद्र सिकुडने से त्वचा में कसाव आता है। तैलीय त्वचा की अतिरिक्त चिकनाई निकल जाती है। चेहरे की मुलायम त्वचा को ध्यान में रखते हुए हल्का एस्ट्रिन्जेन्ट लोशन प्रयोग करना चाहिए।
     स्किन टोनर चूंकि फलों के रस से निर्मित होते हैं, अतः उनका त्वचा पर ठंडा तथा ताजगी प्रदान करने वाला प्रभाव पड़ता है।
माॅइश्चराइजर का प्रयोग और त्वचा पर उसका प्रभाव- माॅइश्चराइजर सभी प्रकार की त्वचा पर प्रयोग किए जा सकते हैं। गर्दन तथा गले पर माॅइश्चराइजर ऊपर की और मालिश करते हुए बराबर मात्रा में लगाइए। माॅइश्चराइजर त्वचा में सरसता तथा कोमलता लाता है। त्वचा में नमी बरकरार रख शुष्कता दूर करता है। माॅइश्चराइजर से त्वचा पर रक्षात्मक परत सी मढ़ जाती है तथा त्वचा प्रकाश में चमकने लगती है।
     फाउंडेशन का प्रयोग तथा चेहरे की त्वचा पर उसका प्रभाव- फाउंडेशन मेकअप के लिए आधारित की भूमिका निभाता है तथा इसका प्रयोग अत्यंत लोकप्रिय है। फाउंडेशन के प्रयोग से चेहरे के दाग-धब्बे ढक जाते हैं, चेहरे की बनावट उभर कर आती है तथा चेहरे की त्वचा एकसार व कांतिमय बनाती है। इसके अलावा फाउंडेशन अन्य रसायन मिश्रित सौन्दर्य प्रसाधन सामग्रियों से चेहरे की त्वचा की रक्षा करता है।
फाउंडेशन का चुनाव-
     फाउंडेशन क्रीम तथा तरल दोनों रूपों में मिलता है। आपको अपने लिए अपने चेहरे की त्वचा की रंगत जैसा ही फाउंडेशन चुनना चाहिए। यदि किसी कारणवश आपकी त्वचा की रंगत जैसा फाउंडेशन उपलब्ध न हो तो आप थोड़ा सा गहरा शेड (याद रखिए हल्का हरगिज नहीं) प्रयोग में ला सकती है। यदि आपकी त्वचा सांवली है और आपको अपने लिए उपयुक्त फाउंडेशन चुनने में दिक्कत होती हो तो आप अपनी त्वचा की रंगत से मिलते-जुलते दो फाउंडेशन को आपस में मिलाकर अपनी त्वचा के अनुरूप फाउंडेशन तैयार कर सकती हैं।
फाउंडेशन का प्रयोग विधि-
     फाउंडेशन सदैव उपयुक्त मात्रा में लगाएं। अधिक फाउंडेशन लगाने से चेहरा पुता-पुता सा लगता है। उंगलियों की सहायता से गर्दन तथा चेहरे पर फाउंडेशन की बिंदियां सी लगा लें और उंगलियों य काॅस्मैटिक स्पंज (प्रयोग से पूर्व काॅस्मैटिक स्पंज को गुलाब जल में अवश्य भिगो लें) की सहायता से ऊपर की और मालिश करते हुए पूरे चेहरे और गर्दन पर लगाएं।
पाउडर का प्रयोग तथा चेहरे पर उसका प्रभाव-
     फाउंडेशन को स्थापित करने और मेकअप के लिए चिकनाई रहित आधार प्रदान करने में पाउडर की महत्वपूर्ण भूमिका है। पाउडर के प्रयोग से चेहरे की त्वचा समतल होती है, दाग-धब्बे छुप जाते हैं, त्वचा की रंगत उभरती है तथा त्वचा पर चिकनी मखमली परत उभर आती है।
पाउडर का चुनाव-
     फाउंडेशन की भांति पाउडर का चुनाव भी बेहद सावधानी किया जाना चाहिए। साधारणतया पाउडर फाउंडेशन से एक शेड हल्का प्रयोग किया जाना चाहिए। मेकअप के उद्देश्य से काॅम्प्रस्ड पाउडर की जगह लूज पाउडर प्रयोग किया जाना चाहिए। आवश्यकता पडने पर काॅम्प्रेस्ड पाउडर का उपयोग मेकअप को री-टच देने के लिए किया जा सकता है। फाउंडेशन की चमक को कम कर त्वच को आकर्षक बनाने के लिए अर्ध-पारदर्शक पाउडर का उपयोग सर्वोत्तम है। गाढ़े रंग के पाउडर से बचना चाहिए।
हाईलाइटर्स, शेडर्स तथा ब्लॅशर्स का प्रयोग तथा चेहरे पर उनका प्रभाव-
     सौन्दर्य प्रसाधन सामग्रियों का प्रयोग भ्रम पैदा करनके चेहरे की आकृति उभारने के लिए किया जाता है। हल्के रंग के हाईलाइटर्स का प्रयोग चेहरे की खूबियों जैसे- चीक बोन्स आदि को उभारने के लिए किया जाता है और गाढ़े रंग के शेडर्स का प्रयोग चेहरे के अनाकर्षक भागों को छुपाने के लिए किया जाता है। ब्लॅशर्स का प्रयोग गालों को गोलाई तथा सुर्खी प्रदान करता है।
प्रयोग विधि-
     हाईलाइटर्स, शेडर्स तथा ब्लॅशर्स (जो भी आप प्रयोग में लाना चाहती हों) की थोड़ी सी मात्रा चेहरे के उस भाग पर लगाएं (जिसे आप उभारना या दबाना चाहती हों) और थोड़े ब्रश की सहायता से एकसार कर लें।
आई शैडो का प्रयोग तथा आंखों पर उसका प्रभाव-
     आइ शैडो का प्रयोग आंखों की सुन्दरता बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह अनेक रंगों में मिलता है। अपने लिए उपयुक्त रंग का चुनाव करने के लिए आपको अपनी पोशाक तथा अवसर को ध्यान में रखना चाहिए। यह काॅम्प्रेस्ड पाउडर, क्रीम तथा लूज पाउडर के रूप में मिलता है। इन सभी के लगाने का अलग-अलग तरीका है। पाउडर आई शैडो अनेक रंगों में मिलते हैं तथा प्रयोग करने में बहुत ही सरल होते हैं। काॅम्प्रेस्ड पाउडर आई शैडो लगाने के लिए ब्रश या स्पंज एप्लीकेटर का प्रयोग किया जाता है।
     क्रीम आई शैडो शुष्क त्वचा पर प्रयोग किए जाते हैं। इन्हें लगाने के लिए स्पंज एप्लीकेटर प्रयोग किए जाते हैं।
     लूज पाउडर आई शैडो अधिकतर भड़कीले रंग के होते हैं। इन्हें भी स्पंज एप्लीकेटर की मदद से लगाया जाता है।
आई लाइनर का प्रयोग तथा चेहरे पर उसका प्रभाव-
     आई लाइनर का प्रयोग भी नेत्रों का आकर्षण बढ़ाने के लिए किया जाता है। आई लाइनर के प्रयोग से नेत्र बेड़ नजर आने लगते हैं।
आई लाइनर का प्रयोग तथा चेहरे पर उसका प्रभाव-
     आई लाइनर का प्रयोग भी नेत्रों का आकर्षण बढ़ाने के लिए किया जाता है। आई लाइनर के प्रयोग से नेत्र बेड़ नजर आने लगते हैं।
आई लाइनर प्रयोग करने का तरीका-
     मस्कारा के रंग से मेल खाता आई लाइनर चुनिए। आई लाइनर ब्रश द्वारा लगाइए। नेत्र बंद करके ऊपरी पलकों के ऊपर बरौनियों के समीप भीतरी कोने से बाहरी कोने तक पतली रेखा खींचें। इसी प्रकार निचली पलकों के बालों की रेखा के ठीक नीचे आई लाइनर से रेखा बनाएं।
मस्कारा-
     मस्कारा नेत्रों की बरौनियों को अधिक गहरा, घना दिखाने के अभिप्राय से प्रयोग किया जाता है। यह तरल, क्रीम तथा ‘केक’ के रूप में उपलब्ध होता है। विशेष कन्डीशनिंग गुणयुक्त मस्कारा भी बाजार में उपलब्ध है। जिसके प्रयोग से नेत्र मोटे, प्राकृतिक, स्वस्थ तथा भरे-भरे से नजर आते हैं। अधिक उम्र की महिलाओं को मस्कारा का प्रयोग कम करना चाहिए।
प्रयोग विधि-
     मस्कारा ऊपरी तथा निचली बरौनियों पर प्रयोग किया जाता है। पलकों को हल्का सा उठाकर पहले ऊपर, फिर निचली बरौनी पर मस्कारा लगाएं। मस्कारा के प्रयोग के पश्चात कंघी द्वारा बरौनियां सुलझाई जा सकती है।
आई लैश कर्लर-
     बरौनियों के मेकअप के बाद बरौनियों को घुंघराला बनाने के लिए विशेष आई लैश कर्लर इस्तेमाल किए जाते हैं। कर्लर सावधानीपूर्वक प्रयोग किए जाने चाहिए, क्येंकि इनसे बरौनियों को हानि भी पहुंच सकती है। कर्लर लगाते सूय बरौनियों को एक विशेष कोण पर रखना चाहिए ताकि बाल सरलतापूर्वक कर्लर में प्रवेश कर सके। 15-20 सेकेण्ड में आपकी बरौनियों के बाल घुमावदार हो जाएंगे। बाल घने और मोटे दिखई देंगे।
आईब्रो पैन्सिल-
     आईब्रो पैन्सिल काप्रयोग भौंह की मोटाई या आकृति में परिवर्तन लाकर चेहरे को अधिक प्रभावशाली रूप देने के लिए किया जाता है। चूंकि ये पैन्सिलें क्रीम तथा मोम आदि का कठोर रूप होती हैं इसलिए इनका प्रभाव मस्कारा की तुलना में हल्का होता है।
प्रयोग-
     बालों के प्राकृतिक रंग से मिलती-जुलती आईब्रो पैन्सिल को बहुत हल्के-फुल्के ढंग से भौंहों पर प्रयोग किया जाना चाहिए। गहरी धारियां नहीं खींची जानी चाहिए। भौंहों पर प्रयोग करते समय पतली नोक वाली पैन्सिल इस्तेमाल की जानी चाहिए। आंखों के रंग व आकार के अनुरूप ही आईब्रो पैन्सिल का प्रयोग होना चाहिए। इसका अत्यधिक प्रयोग भद्दा तथा अप्राकृतिक लग सकता है।
लिपस्टिक-
     महिलाओं द्वारा प्रयुक्त सौन्दर्य प्रसाधनों में लिपस्टिक सर्वाधिक लोकप्रिय है। हर परिस्थिति में, केवल कुछ अपवादों को छोड़कर, कोई भी महिला समय न रहने पर भी लिपस्टिक के प्रयोग की इच्छा पर नियंत्रण नहीं रख पाती है।
लिपस्टिक यदि कुशलतापूर्वक लगाई जाए तो होंठों की कमियों को छुपाकर उन्हें सुंदर रूप दिया जा सकता है। साथ ही चेहरे को भी अत्यधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है। आपको ऐसी लिपस्टिक का चुनाव करना चाहिए जो होंठों की कोशिकाओं को दूषित न करे तथा उन्हें शुष्क न बनाए। साथ ही लिपस्टिक की परत अधिक समय तक स्थिर रहनी चाहिए।
     होंठों की प्राकृतिक के अनुसार ही लिपस्टिक का प्रयोग करने से स्त्रियां अधिक सुंदर दिखाई देती है। परंतु होंठों की कमियों के कारण कभी-कभी होंठों की आकृति के अनुसार लिपस्टिक का प्रयोग नहीं हो पाता है, अतः लिप ब्रश से होंठों का बाहरी आकार निर्धारित कर लें। हल्की थपथपाहट जैसी क्रिया से लिपस्टिक लगाएं। टिशू पेपर से लिपस्टिक की कोटिंग सुखाकर दोबारा लिपस्टिक लगाएं। होंठों को पूरी तरह लिपस्टिक के रंग से भरने के लिए होंठों को दाएं-बाएं फैलाना चाहिए। आवश्यकता हो तो होंठों पर लिप ग्लाॅस की कोटिंग देनी चाहिए।