आपके पांव शरीर के ऐसे महत्वपूर्ण हिस्से हैं जो जीवन-पर्यन्त आपके शरीर का बेझ सहते हैं किंतु दुख की बात है कि इनकी देख-रेख के लिए हम अधिक समय नहीं देते हैं। सिर सेपैर तक सुन्दरता की मूर्ति बनने के लिए पैरों के आकर्षण तथा उनकी सजावट की ओर ध्यान देना उतना ही आवश्यक है, जितना चेहरे या बालों का ध्यान रखना। परंतु बहुधा यह देखा गया है कि पांवों की देखभाल में लापरवाही बरती जाती है।
     उपेक्षित तथा खुरदरे एडि़यों वले पैर न केवल आपका आकर्षण कम कर देते हैं बल्कि पैरों के अनेकों कष्टों का भी कारण बनते हैं।
     दुर्भाग्यवश अनेकों फैशल से प्रभावित होकर कसे हुए नुकेली जूते अथवा सैंडिल पहनती हैं। ऐसे जूते अथवा सैंडिल बहुधा पैरों में वेदना उत्पन्न करते हैं तथा त्वचा को कठोर बना देते हैं। इस लापरवाही का एक कारण यह गलत धारणा भी है कि पैर अत्यंत शक्तिशाली होते हैं, किंतु वास्तविकता यह है कि पांवों पर अनेकों रोगों का संक्रमण हो सकता हैं अतः केवल सौन्दर्य की दृष्टि से ही नहीं, स्वास्थ्य की दृष्टि से भी पांवों की देख-रेख करना अति आवश्यक है।
जूते अथवा सैंडिल का सही चुनाव
     पैरों को स्वस्थ तथा आकर्षक बनाए रखने के लिए खुले और आरामदायक जूते अथवा सैंडिल पहनना जरूरी है। कसे हुए जूते अथवा सैंडिल पहनने से पांवों में छाले तथा घट्टे पड़ सकते हैं। अतः आपको ऐसे जूतों अथवा सैंडिलों का चुनाव करना चाहिए जो पैरों को कसते या चुीाते न हों। इसके लएि चैडे मुंह वाले तथा मध्य ऊंचाई की एडि़यों वाले जूत अथवा सैंडिल उचित हैं। ऊंची एडि़यों वाले जूते अथवा सैंडिल पैरों की हड्डियों को विकृत कर सकते हैं तथा ऐसे जूते व सैंडिल पहनने से कूल्हों पर अनावश्यक जोर पड़ता है जिसकी वजह से रीढ़ की हड्डी तथा सम्पूर्ण शरीर में कष्ट उत्पन्न हो जाता है।
     जूतों अथवा सैंडिलों के साथ ही जुराबों का भीसही चुनाव किया जाना चाहिए। गर्मियों के लिए नायलोन की जुराबों की अपेक्षा सूती जुराबें आरामदायक होती हैं। जाड़ों में शुद्ध ऊनी जुराबें पहनना अच्छा है।
पैरों को स्वस्थ रखने के कुछ नायाब नुस्खे
     1- दिनभर के काम-काज के बाद पैरों की थकान दूर करने के लिए पैरों को नमक तथा एक बड़ा चम्मच साइडर विनेगर मिश्रित गुनगुने पानी में डुबोना चाहिए। इससे पैरों की खुजली तथा थकन दूर होती है। साथ ही त्वचा की कठोरता भी कम होती है।
     2- अक्सर देखा जाता है कि पांवों की त्वचा उपयुक्त देख-रेख के अभाव में खुरदरी व कठोर पड़ जाती है। इस त्वचा को मुलायम बनाने के लएि निम्न विधि प्रयोग में लाएं।
     दही 2 बड़े चम्मच
     जड़ी-बूटी (तुलसी के पत्ते या खस-खस या नीम पाउडर) 1 मध्यम चम्मच
     साइडर विनेगर 1 छोटा चम्मच
     तीनों सामग्री एक साथ मिलाक लेप बना लीजिए तथा पैरों की कठोर त्वचा पर लगाकर दस मिनट विश्राम कीजिए, बाद में पांव धो लीजिए।
     3- यदि आपके पैरों में अत्यधिक थान रहती हो या उनमें ऐंठन होती हो तो प्रतिदिन दो संतरे खाकर शरीर में विटामिन-सी की मात्रा बढ़ाएं या हर रात गर्म जल में नींबू का रस पिएं।
     4 - गर्मियों में पांव जूतों अथवा सैंडिलों में बंद रहने के कारण पसीजते रहते हैं, अतः पांवों को आराम देने के लिए निम्न विधि प्रयोग लाएं।
     मेन्थाॅल 1/2 छोटा चम्मच
     विच-हैजेल 1 छोटा चम्मच
     बोरेक्स पाउडर 1 छोटा चम्मच
     प्रिसीपिटेडट चाॅक 6 दर्जन
     बोरेक्स तथा प्रिसीपिटेडेट चाॅक का पाउडर सा बनाकर उसमें मेन्थाॅल को विच-हैजेल में घोलकर डालें तथाउनका मिश्रण पसीजते हुए पैरों पर लगाइए।
     5 - दिन भर के काम के बाद अक्सर पांव थेके-थके व सूजे से महसूस होते हैं। अतः सूजे हुए पांवों को आराम देने के लिए जीरेनियम की पत्तियों को मसलकर उसमें थोड़ा पानी मिलकार पेस्ट बना लीजिए तथा अपने सूजे हुए पांवों पर लगाइए।
     6 - नाखून आपके पांवों का एक महत्वपूर्ण अंग है। अतः इन्हें मजबूत और चमकदार बनाने के लिए नेल स्ट्रेन्थनर्स का प्रयोग कीजिए। (नेल स्ट्रेन्थनर्स बनाने व प्रयोग करने की विधि हाथों वाले अध्याय में पढि़ए।)
     7 - घुटनों व टखनों पर से धब्बों को हटाने के लिए नियमित रूप से उन पर नींबू का छिलका रगड़े।
पैरों की समस्याएं
पैरों में दुर्गन्ध-
     पैरों में दुर्गन्ध की समस्या साधारण होने के साथ-साथ महिलाओं की अपेक्षा पुरूषों में अधिक पाई जाती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान दीजिए।
     नायलोन की जुराबों के स्थान परसूती जुराबों का प्रयोग करें तथा पहनी गई जुराब को अगले दिन न पहनें। प्रतिदिन नई धुली हुई जुराब ही पहनें।
     पानी में पोटेशियम परमैगनेट के कण मिलाकर पैर धोएं। इससे बदबू से तो छुटकारा मिलेगा ही, साथ ही पांवों की त्वचा संक्रमण से भी बची रहेगी।
     दो बड़े चम्मच रोजमैरी तथा लैवेन्डर की सूखी पत्तियां 300 मि.ली. पानी में उबालकर पानी अलग छान लीजिए और ठण्डा करके पांव धोइए।
     पैर धोने के पश्चात तौलिए से थपककर सुखा लीजिए और ओरिस रूट पाउडर तथा सैंडलवुड पाउडर का मिश्रण तैयार कर पांवों पर लगाइए।
     सेज तथा अजमोद खाइए। इनके सेवन से शरीर से निकलने वाली दुर्गन्ध कम होती है।
एथलीट्स फुट-
     यह संक्रामक रोग है। इस रोग में पांवों के अंगूठे तथा उंगलियों के बीच की त्वचा नरम होकर छिलके की भांति निकलने लगती है तथा पैरों से अत्यधिक बदबू आने लगती है। इस समस्रूा से छुटकारा पाने के लिए पानी में सिरका मिलाकर साबुन से पैर धोएं। तत्पश्चात पैरों को धोकर अच्दीप्रकार सुखाएं और अंगूठे तथा उंगलियों के बीच पाउडर लगाएं।
कोल्ड फीट-
     यह समस्या पांवों में रक्त संचार की कमी के कारण होती है। और इसमें पांव ठण्डे-ठण्डे से महसूस होते हैं। अतः पांवों में रक्त संचार बढ़ाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम और पांवों की मालिश कीजिए और अपने आहार में विटामिन-ई से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन कीजिए।
चिल ब्लेन्स-
     इस समस्या के अंतर्गत पांवों की त्वचा अत्यन्त नरम होकर ज्वलनशील हो जाती है तथा पांवों में नष्ट होता है। गेंदे के फूल तथा काॅम्फ्रे की पत्तियों का मिश्रा गर्म करके काढ़ा तैयार कीजिए। ठण्डा हो जाने पर छानिए और पन्द्रह मिनट तक इस काढ़े में अपने पैर भिगोने के पश्चात उन्हें सुखाकर हाॅर्स रैडिश तथा दही का मिश्रण लगाइए।
इनग्रोइंग नेल्स-
     इस समस्या में पांव के नाखून अंदर की ओर बढ़ कर त्वचा में चुभने लगते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए पैरों के अंगूठों के नाखूनों को सीधे काटें ताकि नाखून भीतर की ओर न बढ़े।
काॅर्न या कैलसेज-
     यदि आप पैरों में घट्टे या गोखरू से पीडि़त हों तो किसी कीरोपाॅडिस्ट ;ब्ीपतवचवकपेजद्ध को दिखाएं।