दांत शरीर का एक ऐसा अंग हैं जो आपके व्यक्तित्व के आकर्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिा निभाता है। जब आप बातें करती हैं, मुस्कराती हैं या हंसती-खिलखिलाती हैं, तब सफेद, चमकीले व मोतियों जैसे दांतों की पंक्ति आपके सौन्दर्य मेंचार चांद लगा देती है। किंतु यदि आपके दांत गंदे तथा सांस बदबू भरी है तो इससे अधिक अप्रिय कुछ और नहीं है।
     अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश महिलाएं सुबह-शाम अत्यनत शीघ्रता से दांतों की आधी-अधूरी सफाई करके संतुष्ट हो जाती है। और जब इस लापरवाही के कारण दांतों में सड़न और दाग-धब्बों की समस्रूाएं उत्पन्न होती हैं तब इस ओर ध्यान देती हैं। ऐसे अधिकांश मामलों में विलम्ब हो जाने के कारण दांतों की समस्या पूरी तरह हल नहीं हो पाती हैं। अतः श्रेयस्कर यही है कि प्रतिदिन ठीक ढंग से दांतों की सफाई की जाए।
दांतों की बनावट
     दांत की बाहरी सतह इनैमल नामक ठोस पदार्थ से बनी है जो भोजन को काटने व चबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इनैमल के नीचे डेन्टाइन नामक हड्डीनुमा तत्व होता है। डेन्टाइन के नीचे रक्त शिराओं और स्नायु तंत्र का जाल फैला होता है जो कि दर्द तथा ठण्डे-गर्म की अनुभूति दांत को रवाता है। दांत अपनी जगह पर मसूड़ों द्वारा जमा रहता है।
दांतों की बीमारियां
     दांतों से सम्बन्धित मुख्यदो समस्याएं हैं-दांतों में सड़न तथा मसूड़ों से ख्ून रिसना। ये दोनांे बीमारियां मूलतः प्लैक द्वारा होती है। प्लैक कीटाणुओं द्वारा दांतों पर निर्मित सफेद पट्टिका होती है जो दांतों में सड़न का कारा बनती है। यह दांतों के इर्द-गिर्द, बीच में तथा मसूड़ों के नीचे तुरन्त बन जाती है। प्लैक के कीटाणु समूड़ों की नरम त्वचा में प्रवेश कर मसूड़ों की बीमारी पैदा करती हैं। मसूढ़ें में जलन होती है तथा खून आता है। बीमारी के बढ़ने पर दांत गिर जाते हैं।
सुरक्षा उपाय
     1- दांतों को बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी है नियमित रूप से सफाई, ताकि प्लैक दांतों पर जमने ही न पाए। अतः दिन में दो बार (सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले) ब्रश कीजिए। ब्रश दांतों के बीच तथा मसूड़ों की जड़ तक करना चाहिए। ब्रश दांतों पर 400 कोण पर रखकर हल्के घुमावदार तरीके से करें। जिससे दांतों में फंसे भोजन के टुकड़े बाहर आ जाएं। मसूड़ों को स्वस्थ रखने के लिए उंगली की सहायता से मसूड़ों की मालिश करें। ब्रश कुछ ही सप्ताह में खराब हो जाते हैं, अतः ऐसा होने पर नया ब्रश प्रयोग करें।
     2- भोजन के बाद टूथपिक द्वारा दांतों में फंसे भोजन के टुकड़े अवश्य निकाल दें ताकि वह सड़न पैदा न करें।
     3- दांतों का निर्माण प्रोटीन जैसे तत्व से होता है। अतः प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन-ए तथा डी युक्त आहार दांतों को लाभ पहुंचाता है। मक्खन, पनीर, मछली, फल, सब्जी, रेशेयुक्त भोजन सामग्री, गेहूं के आटे आदि में ऐसे सभी पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं।
     4- चीनी, मिठाई तथा केक आदि न खाएं या बहुत ही कम मात्रा में यदा-कदा ही खाएं, क्योंकि ये खद्य पदार्थ दांतों से चिपक कर सड़ते हैं तथा कीटाणुओं को जन्म देते हैं।
     5- कई मामलों में पेट की गड़बड़ी, गले की खराबी तथा नजला आदि के कारण से सांस में दुर्गन्ध आने लगती है। यदि इस प्रकार की समस्याएं लगातार बनी रहें तो डाॅक्टर से सलाह लीजिए।
दांतों को स्वस्थ तथा सांस को दुर्गन्धरहित रखने के कुछ नायाब नुस्खे
     हर बार भोजन के पश्चात दांतों को अच्छी प्रकार ब्रश से साफ कीजिए।
     आहार में चीनी की मात्रा कम करें तथा शीतल पेय आदि का अधिक सेवन न करें।
     दांतों तथा मसूड़ों के व्यायाम के लिए भोजन भली प्रकार चबाकर खाएं।
     गाजर, सेब, कच्ची सब्जियां आदि खाने से दांत तथा मसूड़े मजबूत रहते हैं।
     नियमित प्राकृतिक माउथवाॅश (माउथवाॅश बनाने की विधि इसी अध्याय में आगे बताई गई है) से दांतों के बीच फंसे भोजन के टुकड़े निकालिए और श्वास दुर्गन्धरहित बनाइए।
     दांतों तथा मसूड़ों को स्वस्थ रखने के लिए प्राकृतिक क्लीन्जर का प्रयोग कीजिए।
दांतों को साफ और स्वस्थ रखने के लिए प्राकृतिक क्लीन्जर, माउथवाॅश तथा ब्रेथ फ्रेशनर बनाने की कुछ विशिष्ट विधियां
1- नमक तथा बाई कार्बोनेट आॅफ सोडा
     बाई कार्बोनेट आॅफ सोडा 3 बड़े चम्मच
     नमक 3 बड़े चम्मच
     बाई कार्बोनेट आॅफ सोड़ा तथा नमक को आपस में मिलाकर पाउडरनुमा मिश्रण बनाकर एक जार में जमा कर लें। इसे टूथ पाउडरके समान ब्रश लगाकर प्रयोग करें। इसके प्रयोग से दांत पर जीम निकोटीन की परत भी साफ हो जाती है। संतरे तथा नींबू के छिलके का पिसा हुआ चूरा उपरोक्त मिश्रण में मिलाकर लगाने से दांतों पर चमक आती है।
2- जली हुई डबलरोटी के साथ लौंग का तेल-
     जली हुई डबलरोटी को मसलकर महीन चूर्ण बना लें अैर उसमें लौंग का तेल मिलाकर पेस्ट सा बना लीजिए। इसपेस्ट को ब्रश पर लगा कर दांत साफ कीजिए। यह देखने में आकर्षक न होने के बावजूद दांतों की सफाई और दाग-धब्बे हटाने के लिए बहुत प्रभावकारी नुस्खा है। ब्रश करने के बाद अच्छी तरह मुंह धोइए तथा दांतों के बीच में फंसे हुए डबलरोटी के काले टुकड़े टूथपिक की सहायता से निकाल लीजिए।
3- जली हुई डबलरोटी और शहद-
     जली हुई डबलरोटी को मसलकर महीन चूर्ण बना लें और उसमें शहद मिलकार पेस्ट बना लीजिए। इस पेस्ट को ब्रश पर लगा कर दांत साफ कीजिए। ब्रश करने के बाद अच्दी प्रकार मुंह धोइए तथा दांतों के बीच में फंसे हुए डलबरोटी के काले टुकड़ों को टूथपिक की सहायता से निकाल दीजिए।
4- स्ट्राबरी-
     दांतों को स्वच्छ रखने तथा उन पर पाॅलिश करने के लिए दांतों पर स्ट्राबरी रगडि़ए। सांसों में महक लाने के लिए कुचली हुई स्ट्राबरी दांतों पर ब्रश द्वारा लगाकर सफाई करें। पिसी हुई स्ट्राबरी के पाउडर से भी दांतों को ब्रश किया जा सकता है।
5- सेज की पत्तियां-
     सेज की पत्तियां चूसने या दांतों पर रगड़ने से दांतों को लाभ होता है। दांतों पर लगी गंदगी साफ होती है। मसूड़े मजबूत बनते हैं दांतों पर सफेदी तथा मोती जैसी चमक आ जाती है।
6- नमक और पानी का घोल-
     नमक तथा पानी का पेस्ट दांतों पर चलने से धूम्रपान के दाग छूट जाते हैं। परंतु इसका प्रयोग कभी-कभी करना चाहिए, वरना दांतों का इनैमल नष्ट होने का भय रहता है।
7- सेज माउथवाॅश-
     एक बड़ा चम्मच सूखी सेज या 1/2 कप सेज की पत्तियां पन्द्रह मिनट तक गर्म पानी में भिगोइए, तत्पश्चात पानी निकालकर ठण्डा कर लीजिए। यह जल गरारे तथा माउथवाॅश के काम में लाइए। यह सांसों की बदबू दूर करता है और मसूड़ों से खून रिसना रोकता है।
8- लैवेन्डर माउथवाॅश-
     एक कप लैवेन्डर के फूलों को गर्म पानी मंे प्रन्दह मिनट के लिए भिगोइए। इसका पानी निकालकर ठण्डा कीजिए और माउथवाॅश की तरह इस्तेमाल कीजिए।
9- लोहबान का माउथवाॅश-
     सादे पानी में लोहबान मिलाकर घोल तैयार कर लें और माउथवाॅश की तरह प्रयोग करें। यह माउथवाॅश कीटाणुओं को नष्ट करता है तथा मसूड़ों से रिसता हुआ खून रोकता है। इसकी सुगन्ध भी मनमोहक होती है।
10- तुरन्त सुवासित सांस-सुगन्ध-
     लौंग, इलायची या मुलहटी चूसने से सांस की दुर्गन्ध तुरन्त ठीक हो जाती है। इसी प्रकार अजमोद की टहनी चूसने से भी फायदा होता है।
11- s दातुन-
     नीम की डंडी चबाकर दांत साफ करने की युक्ति संसार के कई भागों में प्रचलित है। दांतों से चबाकर डंडी को ब्रश का रूप देने के बाद जितनी देर तक इस डंडी को चबाया जाए, उतना ही लाभ मसूड़ों तथा दांतों को मिलता है। दांस साफ होकर चमकने लगते हैं।
     बहुधा यह देखा गया है कि ब्रश से दांतों की ठीक से सफाई नहीं हो पाती है। एक मिनट से भी कम समय के लिए ब्रश करके टूथपेस्ट का मात्र स्वाद ही चखा जा सकता है। अतः ऐसी स्थिति में दांतुन चबाकर दांतों की अच्छी तरह सफाई की जा सकती है।