10 Interesting Facts About India Budget
India Budget 2016 - 17
देश में महज पांच दिन बाद आने वाले 2016-17 के बजट को लेकर हर कोई उत्साहित है। हमेशा की तरह इस बार भी इस आम बजट से इंडस्ट्री, आम लोगों व बाजार सभी को काफी उम्मीदें हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली 29 फरवरी को मोदी सरकार का तीसरा बजट पेश करेंगे। ऐसे में आइए बजट पेश होने से पहले जानें इस आम बजट से जुड़े कुछ खास फैक्ट्स...
पहला आम बजट:
भारत में आम बजट की शुरुआत ब्रिटिश वायसराय की काउंसिल के मेंबर (फाइनेंस) जेम्स विल्सन ने पेश किया था। उन्होंने 18 फरवरी 1860 को देश का का पहला आम बजट पेश किया था।
आजादी के बाद:
15 अगस्त 1947 के बाद देश का पहला पहला आम बजट आर. के षणमुखम शेट्टी ने 26 नवंबर को सदन में पेश किया था। इस दौरान वित्त मंत्री का कार्यकाल करीब 7 महीने ही रहा।
हिंदी में बना बजट:
1955-56 से पहले आम बजट के दस्तावेज अग्रेंजी में बनते थे। जिससे देश की आधी जनता को यह समझ में ही नहीं आते थे। हालांकि इस बजट के दस्तावेज हिंदी में भी तैयार किए जाने लगे।
हलवा रस्म अदायगी:
देश में बजट दस्तावेजों की छपाई से पहले हलवा रस्म की अदायगी की जाती है। जिसमें एक बड़ी कड़ाही में हलवा तैयार होता है, जिससे वित्तमंत्री समेत मंत्रालय के सभी कर्मचारी चखते हैं। इसके बाद बजट पेश होने तक सब वहीं मंत्रालय में ही रहते हैं।
बजट दो भागों में:
भारत का आम बजट दो भागों में बंटा होता है। जिसमें पहले भाग में सामान्य आर्थिक सर्वे और नीतियों का ब्योरा होता है। वहीं दूसरे भाग में आगामी वित्त वर्ष के लिए प्रत्येक्ष और परोक्ष करों के प्रस्ताव शामिल किए जाते हैं।
दिन में 11 बजे शुरू:
साल 2000 तक आम बजट शाम को 5 बजे पेश होता था, लेकिन इसके बाद यह बदल गया। वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा 2001 से सुबह 11 बजे संसद में आम बजट पेश करने लगे।
ज्यादा बजट पेश किए:
सबसे ज्यादा बजट पेश करने वाले वित्तमंत्रियों में मोरारजी देसाई का नाम टॉप पर है। उन्होंने करीब 10 बार देश का आम बजट पेश किया था। उन्होंने दो बार बजट अपने जन्म दिन 29 फरवरी को पेश किया।
प्रधानंमत्रियों ने पेश किया:
देश में वित्त मंत्री ही नहीं प्रधानमंत्री भी आम बजट पेश कर चुके हैं। जी हां पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के साथ वित्त मंत्री रहते हुए बजट पेश किये।
बजट पेशकश में कम समय:
1982 में जब वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने 1 घंटे 35 मिनट में बजट पेश किया। जिस पर इंदिरा गांधी ने कहा था कि प्रणव मुखर्जी ने सबसे कम समय में बजट पेश किया। इन्होंने 2 घंटे का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
सर्विस टैक्स जुड़ने लगा:
आजादी के बाद बजट में ब्लैक मनी उजागर की प्रकिया शुरू हुई। वहीं राजीव गांधी ने 1987 के बजट में काफी फेरबदल किए। पहली बार कॉरपोरेट टैक्स का न्यूनतम वैकल्पिक टैक्स जोड़ने के बाद 1994 में सर्विस टैक्स का आप्शन जोड़ा गया।
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