गृह वास्तु विचार | Residential Value
»द्वार, खिड़कियां और झरोखे:
प्रश्न: मकान में कितने दरवाजे और कितनी खिड़कियां होनी चाहिए?
उत्तर: इसकी कोई निश्चित संख्या निर्धारित नहीं। घर में छोटे-बड़े जितने कमरे बने हों, द्वार संख्या उस पर निर्भर करती है। भूखंड चारों ओर से राजमार्ग वाला, खुला हो, तो द्वार, खिड़कियां और झरोखे अधिक हांेगे। दरवाजे अनेक हो, लेकिन मुख्य द्वार तो एक ही होगा। खिड़की-दरवाजे आवश्यकतानुसार बनाये जाते है। पर एकी की संख्या शुभ मानी गयी है, यथा 5,11,21।
प्रश्न: किस प्रकार से द्वार निर्माण करवाना चाहिए?
उत्तर: दरवाजे को पूरी तरह दीवार से सटा कर नहीं लगाना चाहिए। दरवाजे और दीवार के बीच कम से कम चार इंच, या फुट भर की गद्दी बनाकर चैखट बिठाना चाहिए।
प्रश्न: घर के कौन से द्वार शुभदायक है और क्यों?
उत्तर: पूर्व का द्वार शुभदायक है। दक्षिण-आग्नेय द्वार घर की स्त्रियों के लिए अच्छा कहा गया है। दक्षिण द्वार गृहस्थ के लिए शुभकर है। पश्चिम द्वार क्षेमदायक है। पश्चिम-वायव्य द्वार अनेक शुभप्रदाता है। उत्तम द्वार प्रगतिकारक होता है। उत्तर-ईशान्य देव कृपा और सौभाग्य देता है। पूर्व-ईशान द्वारा संतान वृद्धि करता है और कीर्ति को चार चांद लगा देता है।
प्रश्नः मुख्य द्वार किसे कहते है?
उत्तर: मुख्य द्वार चारदीवारी में जुड़ा हुआ नहीं होता। चारदीवारी के पश्चात् घर में प्रवेश करने वाले प्रथम प्रवेश द्वार को ही मुख्य द्वार, प्रधान द्वार, या सिंह द्वार कहते है। यह घर के अन्य द्वारों की अपेक्षा ज्यादा बड़ा, ज्यादा मजबूत एवं आकर्षक होता है। मुख्य प्रवेश द्वार सही होने पर पूरा घर सही हो जाता है।