व्यावसायिक वास्तु | Commercial Vastu
कारखाने में बॉयलर कहां हो?
कारखाने उद्योग एवं व्यावसायिक भूखंड में, जनरेटर-ट्रांसफार्मर, विद्युत सप्लाई, भारी विद्युत संयंत्र-मशीनें सदैव अग्नि कोण में ही रहने चाहिए। बॉयलर(Boiler) भट्टी सदैव अग्नि कोण में ही स्थापित होनी चाहिए तथा चैकीदार (watch man) का कमरा वायव्य कोने पर(North-west corner) में होना चाहिए, तो कारखाने में चोरी नहीं होगी।
बड़ौदा से बंबई हाई-वे पर लगभग 100 किलोमीटर पर स्थित ‘कोसम्बा‘ नामक कस्बे में एक कांच के कारखाने में ऊर्जा की समस्या सभी को परेशान किये हुए थी। वहां विद्युत जनरेटर ईशान कोण में था, जहां जल के ईश्वर वरुण देव का निवास था। जल और अग्नि की सदैव शत्रुता रही है। उस स्थान पर महंगे से महंगा विदेशी जेनरेटर थोड़ी देर चल कर खराब हो जाता, बैठ जाता, वापस ठीक नहीं होता। जनरेटर को हटाया गया तो कारखाना की ऊर्जा समस्या समाप्त हो गयी।
कारखाने के उत्तर-पूर्व में मकान, या मजदूरों की बस्ती नहीं होनी चाहिए:
कारखाने या उद्योग में अन्य निवास स्थल (Out Houses) कभी भी पूर्व या उत्तर की दीवार से जुड़े हुए नहीं होने चाहिए। ऐसे निवास में रहने वाले मजदूर, या अधिकारी उद्योगपति की आज्ञा में नहीं रहेंगे।
उद्योग में गंदे पानी का निष्कासन सही तरीके से होः
किसी भी कारखाने या उद्योग का ईशान कोण (Corner) किसी भी प्रकार के भारी निर्माण से दबा हुआ नहीं होना चाहिए। जहां तक हो सके, उस कोने को खुला ही छोड़ दें एवं इसे स्वच्छ रखें। कारखाना, उद्योग, दुकान या व्यावसायिक भवन के बाहर, मुख्य द्वार पर, गंदे पानी का नाला, या कीचड़ नहीं होना चाहिए; खासकर दक्षिण एवं पश्चिम दिशा मंे गंदे पानी का जमाव होना ही नहीं चाहिए, अन्यथा यह उद्योग की संपन्नता को रोक कर उद्योगपति को कर्जदार बना देगा।
जल निष्कासन योजना
उद्योग या भाव की छत का ढलान उत्तर एवं पूर्व दिशा, या ईशान दिशा में होना चाहिए। उद्योग या भवन में बरसात के पानी का निकास उत्तर, या पूर्व की दिशा से होना चाहिए। भवन के स्नान घर, रसोई के पानी का निष्कासन कुछ इस तरह हो कि ईशान्य दिशा से बाहर निकले।
कारखाने के सामने कचरा नहीं होना चाहिएः
घर, उद्योग या कारखाने के सामने कचरा, ड्रम, कबाड़ रहना खराबा होता है। घर के दरवाजे के सामने ऊंची जमीन, पठार नहीं होना चाहिए।
उद्योग में मजदूरों के आवास, या मजदूरों की बस्ती की योजना
कारखाने (भवन) में नौकरों का निवास (Quarter) सदैव वायव्य कोण (North-west) अथवा अग्नि कोण (South-East) में होना चाहिए।
कारखाने में मजदूरों के निवास कहां होने चाहिए?
कारखाने का निर्माण प्रारंभ करने के पूर्व भवन निर्माण के लिए
एक बार एक अन्यतम मित्र का फोन आया कि कृपा कर यह बताएं कि मकान प्रारंभ करते समय चुना, ईंट,सीमेंट, पत्थर, बजरी, इत्यादि कच्चा माल कहां और किस दिशा में रखें? उन्होंने साथ में यह भी कहा कि बाजार मंे जितनी भी वास्तु शास्त्र पर पुस्तकें है, उनमें इस बारे में कही भी कुछ संकेत नहीं मिलता।
उन्हें बताया गया कि मकान प्रारंभ करने के पूर्व कच्चा माल सदैव नैर्ऋत्य, या वायव्य कोण में रखें, तो भवन फटाफट बन जाएगा।