ब्लैक लाइव्स मैटर क्या है,कब सुरु हुआ था और कहाँ सुरु हुआ था | Black Lives Matter movement in hindi
ब्लैक लाइव्स मैटर क्या है आंदोलन 2021 (मुहीम, शुरुवात कब हुई, फाउंडर) ( Black Lives Matter movement in hindi) (Protest, logo, news, campaign, essay, importance, founder)..
हाल ही में Black Lives Matter protests 6 जून को चरम पर था, जब संयुक्त राज्य भर में लगभग 550 स्थानों पर आधे मिलियन लोग निकले। एक महीने से अधिक के विरोध प्रदर्शन में वह एक ही दिन था जो आज भी जारी है।.. […]
कोरोना के साथ-साथ ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन ने भी खबरों की सुर्खियों में और लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट में जगह बना ली है। यह आंदोलन 25 मई 2020 की एक घटना की वजह से लोगों के बीच मशहूर हो गया है। बहुत से लोग अब तक इस आंदोलन में शामिल हो चुके हैं परंतु काफी ज्यादा लोगों को इस आंदोलन के बारे में जानकारी ही नहीं है। 25 मई 2020 को हुई एक निर्मम हत्या जो अमेरिकन पुलिस अधिकारियों ने की, उसकी वजह से अमेरिका में नस्ल वाद संस्थागत और परंपरागत संस्थान ने आवाज उठाई जो पहली बार नहीं हुआ है। चलिए आपको बता देते हैं ब्लैक लाइव मैटर आंदोलन क्या है और इसका लक्ष्य क्या है?
ब्लैक लाइव्स मैटर (Black Lives Matter in Hindi)
नाम | ब्लैक लाइव्स मैटर |
शुरुआत कब हुई | सन 2013 में |
कहां हुई | अमेरिका में |
कारण | जातिवाद के प्रति भेदभाव के खिलाफ मुहीम |
मुहीम के फाउंडर | अलिसिया, पत्रिस्सेस, ओपल |
ब्लैक लाइव्स मैटर क्या है (What is Black Lives Matter)
ब्लैक लाइव्स मैटर एक तरह का आन्दोलन है जोकि आतंकवाद के खिलाफ शुरू किया गया है. ये आन्दोलन अमेरिका में काले रंग के अफ़्रीकन अमेरिकी के साथ हो रही हिंसा के खिलाफ शुरू हुआ था. आइये जानते हैं यह आन्दोलन कब शुरू हुआ और कैसे यह पूरे विश्व में प्रचलित हो गया है और कौन कौन इसका समर्थन कर रहा है.
ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन की शुरुआत (Black Lives Matter Movement Start)
ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन की शुरुआत सन 2013 में हुई थी, जब जॉर्ज फ्लाइड की अमेरिकन पुलिस अधिकारीयों के द्वारा हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद देश के सभी काले रंग के अफ्रीकी अमेरिकन नागरिकों ने यह आन्दोलन शुरू कर दिया था. ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन केवल अमेरिका में ही नहीं बल्कि अमेरिका के बाहर यूरोप लैटिन अमेरिका के साथ साथ ब्रिटेन में भी लगभग साल 2013 से चल रहा है। क्योंकि इन सब देशों में गोरे और काले लोगों के बीच रंगभेद चलता रहता है जिसमें गोरे लोगों को दबाया जाता है और छोटी सी गलती होने पर ही उन्हें बेवजह मार दिया जाता है। इस निर्मम अपराध को रोकने और विरोध करने के लिए ही काले लोगों द्वारा ब्लैक लाइंस मैटर आंदोलन का प्रारंभ किया गया जो अब वर्तमान में भी चल रहा है।
जॉर्ज फ्लाइड कौन था (Who is George Floyd)
जॉर्ज फ्लाइड अमेरिका का एक अश्वेत नागरिक था, जोकि अफ़्रीकी अमेरिकन कहलाता है. उसे अमेरिकन पुलिस द्वारा इस आरोप में मार दिया गया था कि उसने 20 डॉलर तक के नकली नोट से खरीदारी की है.
जॉर्ज फ्लाइड के साथ क्या हुआ (George Floyd News)
जानकारी के अनुसार यह बताया जा रहा है कि जॉर्ज फ्लाइड रंग से काला जरूर था परंतु उसने कोई भी अपराध नहीं किया था फिर भी अमेरिकन पुलिस अधिकारियों ने उसकी निर्मम हत्या कर दी। दरअसल यह दुर्घटना 25 मई के दिन हुई जब जॉर्ज फ्लाइट एक पास की ही दुकान पर बिस्किट लेने पहुंचा वहां पर उसने दुकानदार को $20 देकर बिस्किट खरीदा। उस दुकानदार ने जॉर्ज को बिस्किट दे दिया परंतु बाद में उसे लगा कि जॉर्ज द्वारा दिए गए $20 नकली हैं जिसके चलते उन्होंने जोर से कहा कि अपने पैसे वापस ले और मुझे बिस्किट का पैकेट वापस दे दे। लेकिन जॉर्ज बिस्किट का पैकेट लेकर वहां से चला गया और बगल की दुकान में जाकर बैठ कर बिस्किट खाने लगा। वह अपने दोस्तों के साथ वहां पर बैठा हुआ था तभी दुकानदार ने पुलिस को फोन करके जानकारी दी कि यहां पर एक आदमी है जिसने नकली डॉलर देकर मुझसे बिस्किट ले लिया है। अमेरिका की पुलिस के बारे में तो आप जानते ही हैं कि वे एक छोटी सी बात को लेकर कितनी जल्दी तीव्रता से उस स्थान पर पहुंच जाते हैं और अपराधी को पकड़ लेते हैं। ठीक ऐसा ही जॉर्ज को गिरफ्तार करते समय हुआ, तुरंत अमेरिकन पुलिस वहां पर पहुंच गई और उन्होंने जॉर्ज को गिरफ्तार कर लिया।
जॉर्ज फ्लाइड की हत्या (George Floyd Death Police Officers)
पुलिस जॉर्ज को पुलिस गाड़ी में बैठाने लगी परंतु खींचातानी में जॉर्ज जमीन पर गिर गया। उसने पुलिस अधिकारियों से कहा कि बंद कमरे में मेरा दम घुटता है कृपा करके मुझे गाड़ी में ना बिठाए। परंतु पुलिस अधिकारियों ने नहीं सुना तभी वहां पर तीसरा पुलिस अधिकारी आया और उसने जॉर्ज को अपने घुटने के नीचे दबा लिया। लगभग 9 मिनट तक उस पुलिस अधिकारियों ने जॉर्ज की गर्दन को अपने घुटने के नीचे दबाए रखा। यह पूरी वारदात लोग कैमरे में कैप्चर कर रहे थे। 9 मिनट बाद जब पुलिस ने अपना पैर जॉर्ज की गर्दन से हटाया तो देखा जॉर्ज मर चुका था क्योंकि उसका दम घुट गया था और वह वहीं पर मर गया।
विरोध प्रदर्शन (Protest)
यह दुर्घटना सोशल मीडिया पर धीरे-धीरे वायरल होने लगी और अमेरिका के लोगों ने इस दुर्घटना के विरोध में प्रदर्शन करना भी प्रारंभ कर दिया। धीरे-धीरे यह प्रदर्शन अमेरिका के पूरे हिस्से में फैल गया और अमेरिका से होता हुआ यह दुनिया के बहुत सारे देशों में पहुंच गया।
मई 2020 की घटना
दरअसल 25 मई 2020 को अमेरिकन पुलिस अधिकारियों ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर रंग से काले व्यक्ति की बेवजह ही निर्मम हत्या कर दी। यह पूरी घटना बीच रोड पर अंजाम दी गई जिसे बहुत से लोगों ने अपने कैमरे में कैद भी कर लिया। पुलिस द्वारा मारे गए उस व्यक्ति का नाम जॉर्ज फ्लाइड था। अमेरिका में यह पहली बार नहीं हुआ था क्योंकि पहले 20 साल 2014 के अगस्त में पुलिस अधिकारियों द्वारा माइकल ब्राउन नामक अफ्रीकी अमेरिकन की हत्या कर दी गई थी। इससे पहले भी गोरे और काले के रंगभेद के चलते बहुत सारी हत्याएं इस प्रकार की जा चुकी है। 25 मई को हुए इस हादसे के बाद सोशल मीडिया पर अमेरिकी लोगों ने इस कैंपेन का प्रारंभ कर दिया।
ब्लैक लाइव्स मैटर पर खिलाड़ियों का समर्थन (Black Lives Matter Cricket)
सन 2013 की इस घटना के बाद से अब तक में विभिन्न देशों के लोगों द्वारा अमेरिका के अश्वेत लोगों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के खिलाफ चल रहे आन्दोलन का समर्थन किया जा रहा है. आपको बता दें कि हालही में आईसीसी टी – 20 वर्ल्डकप 2021 का आयोजन दुबई में हो रहा है. यहाँ पर 24 अक्टूबर को भारत और पाकिस्तान का मैच हुआ जिसमें मैच से पहले भारतीय टीम द्वारा ब्लैक लाइव्स मैटर आन्दोलन का समर्थन करते हुए सभी भारतीय खिलाडियों ने अपने घुटने टेक दिए, वाही पाकिस्तानी टीम द्वारा अपने दिल पैर हाथ रखकर इसका समर्थन किया गया. इस आन्दोलन को टेक अ नी मुहीम नाम भी दिया गया है. इस खबर ने पूरे विश्व में सुर्खियाँ बटोरी है.
प्रमुख बिंदु
- BIPOC आंदोलन त्वचा के रंग और नस्लीय विविधता को स्वीकार करने का आग्रह करता है और राजनीति से लेकर त्वचा की देखभाल तक जीवन के सभी क्षेत्रों में समावेशिता तथा प्रतिनिधित्व की वकालत करता है।
- यह उस अदृश्य भेदभाव के खिलाफ है जो विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद है।
- उदाहरण के लिये- कॉस्मेटिक उद्योगों में अधिकांश उत्पाद केवल गोरी त्वचा के लिये किया जाता है न कि काले रंग और स्वदेशी लोगों के लिये।
- सौंदर्य मानकों के मानकीकरण का उन लोगों की मानसिकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है जो पारंपरिक मानकों को पूरा नहीं करते हैं।
- इसे नीग्रो, अफ्रीकी-अमेरिकी और अल्पसंख्यक जैसे अपमानजनक और आक्रामक शब्दों के उन्मूलीकरण के विकल्प के रूप में देखा जाता है।
- पीपुल ऑफ कलर (People of Colour- POC) शब्द 1960 के दशक के दौरान काले, भूरे या रंगीन लोगों जैसे शब्दों को प्रतिस्थापित करने के लिये प्रयोग में आया।
- BIPOC के अंतर्गत लोगों के सामने आने वाले नागरिक अधिकारों की चुनौतियाँ, प्रणालीगत उत्पीड़न और नस्लवाद समान हैं और इस प्रकार, इस शब्द का उपयोग काले और स्वदेशी लोगों के बीच सामूहिक अनुभव को सुदृढ़ करने और उन्हें एकजुट करने के लिये किया जाता है।
- आलोचना: हालाँकि कुछ लोग इस शब्द के उपयोग की आलोचना करते हैं क्योंकि यह लोगों के विभिन्न समूहों की अलग-अलग समस्याओं को एक समूह में रखता है और इस प्रकार प्रत्येक के लिये विशेष समाधान की संभावना को समाप्त कर देता है।
- यह भी कहा जा रहा है कि BIPOC में सभी समूह अन्याय के समान स्तर का सामना नहीं करते हैं।
- इसके अलावा, इसे लोगों के विभिन्न समूहों के समरूपीकरण के लिये एक औपनिवेशिक प्रवृत्ति के रूप में देखा जाता है।
Why have people criticized Black Lives Matter? लोगों ने ब्लैक लाइव्स मैटर की आलोचना क्यों की है?
कुछ लोगों का तर्क है कि ब्लैक लाइव्स मैटर शब्द का उपयोग उसी नाम के संगठन के लिए समर्थन दर्शाता है। इसकी शुरुआत 2013 में तीन अश्वेत महिलाओं: एलिसिया गार्ज़ा, पैट्रिस कलर्स और ओपल टोमेटी ने की थी।
इसके मुख्य लक्ष्यों में पुलिस की बर्बरता को रोकना और अश्वेत लोगों के साथ समान व्यवहार करने के लिए अदालतों के लिए संघर्ष करना शामिल है। समानता की इसकी मांगों में मानसिक स्वास्थ्य, एलजीबीटी समुदाय और मतदान के अधिकार भी शामिल हैं।
हालांकि, आवास और विकास के पूर्व अमेरिकी सचिव बेन कार्सन ने कहा कि महान उद्देश्य वाले लोगों को “मार्क्सवादी संचालित संगठन” द्वारा लाभ उठाया गया था जो “पश्चिमी परिवार संरचनाओं के मॉडल को नीचे ले जाने” का समर्थन करता है।
एक राजनीतिक टिप्पणीकार और पूर्व प्रोफेसर कैरल स्वैन ने कहा: “वे मार्क्सवादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए काले लोगों का उपयोग कर रहे हैं।”
आलोचकों को जवाब देते हुए, पैट्रिस कलर्स ने कहा, “मैं मार्क्सवाद में विश्वास करता हूं”, लेकिन आगे कहा: “मैं यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा हूं कि लोग पीड़ित न हों”।
ओपल टोमेती ने कहा कि लोग “इस आंदोलन का समर्थन नहीं करने के लिए लोगों को विचलित करने, भ्रमित करने और लोगों को कोई बहाना देने के लिए” फर्जी जानकारी डालकर बीएलएम को बदनाम करने की कोशिश कर रहे थे।
अतः लोगों का कहना है कि गोरे काले के रंगभेद की वजह से पुलिस अधिकारियों ने ऐसा किया और यह सदियों से होता आया है और अब भी अधिकारी ऐसा ही करते हैं। इसी विरोध के प्रदर्शन के चलते सोशल मीडिया पर ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन चल रहा है। I Love My India जय हिंद।
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“ मेरा देश बदल रहा है आगे बढ़ रहा है ”
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