ब्रिक्स क्या है ? ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का इतिहास | What is BRICS & history in hindi
क्या है भारत चीन डोकाला सीमा विवाद, जानिए…
ब्रिक्स (BRICS) उभरती राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के एक संघ का शीर्षक है। इसके घटक राष्ट्र ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं। इन्हीम देशों के अंग्रेज़ी में नाम के प्रथमाक्षरों B, R, I, C व S से मिलकर इस समूह का यह नामकरण हुआ है। 2010 में दक्षिण अफ्रीका के शामिल किए जाने से पहले इसे ब्रिक के नाम से जाना जाता था। रूस को छोडकर, ब्रिक्स के सभी सदस्य विकासशील या नव औद्योगीकृत देश हैं जिनकी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। …
अंग्रेजी अक्षरों बी.आर.आई.सी.एस. से बना शब्द 'ब्रिक्स' दुनिया की पाँच उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है। जैसा कि नाम से अनुमान लगाया जा सकता है, ये देश हैं - ब्राजील, रुस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका। ब्रिक्स देशों का मकसद दुनिया के बाकी देशों के साथ इन पांच देशों के बेहतर आर्थिक रिश्ते कायम करना है। अंग्रेजी में ब्रिक्स का अर्थ हुआ- ईंटें। पश्चिमी जगत की आक्रामक अर्थ-नीतियों के विरुद्ध ईंटों की दीवार खड़ी करना ही ब्रिक्स का मुख्य लक्ष्य है।
क्या है ब्रिक्स? | Know About Brics What is Brics in hindi
एक औपचारिक समूह के रूप में सेंट पीटर्सबर्ग में जुलाई 2006 में जी-8 आउटरीच शिखर सम्मेलन के अवसर पर रूस, भारत तथा चीन के नेताओं की बैठक के पश्चात ब्रिक का प्रारम्भन किया गया था। न्यूयॉर्क में सितम्बर 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अवसर पर ब्रिक समूह के विदेश मंत्रियों की प्रथम बैठक के दौरान ब्रिक को औपचारिक रूप प्रदान किया गया। ‘ब्रिक’ के प्रथम शिखर सम्मेकलन का आयोजन रूस के येकातेरिनबर्ग शहर में 16 जून, 2009 को किया गया।
ब्रिक्स देश आर्थिक मुद्दों पर एक साथ काम करना चाहते हैं, लेकिन इनमें से कुछ के बीच राजनीतिक विषयों पर भारी विवाद हैं। इन विवादों में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद प्रमुख है। इसके अंतर्गत प्रतिवर्ष सम्मेलन होते है और आने वाले समय के लिये नयी नयी योजनायें तय की जाती हैं।
वर्ष 2016 में होने वाला ब्रिक्स सम्मेलन भारत के गोवा में हुआ था और इस वर्ष यह सम्मेलन चीन में हुआ।
ब्रिक्स सम्मलेन का इतिहास (BRICS Summit History)
ब्रिक का गठन वर्ष 2001 में हुआ था. इस समय गोल्डमैन सैच्स चेयरमैन जिम ओ’नील ने अपने पब्लिकेशन में इस शब्द का प्रयोग किया था. इस शोध पत्र का नाम ‘बिल्डिंग बेटर ग्लोबल इकोनॉमिक ब्रिक्स’ था. वर्ष 2006 में न्यूयॉर्क सिटी में पहली बार इन चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने एक दुसरे से मुलाक़ात की. इसके उपरान्त इसके उच्च स्तरीय बैठक लगातर होते ही रहे हैं. इसके अंतर्गत पूर्ण पैमानिक कुटनैतिक बैठक 16 जून 2009 को रूस के येकाटेरिंगबर्ग में हुई. इस सम्मेलन के बाद प्रतिवर्ष ब्रिक्स सम्मेलन बारी बारी से इन पांच देशों में होता रहता है. भारत में पहली बार ब्रिक्स सम्मेलन 29 मई 2012 में नयी दिल्ली में आयोजित किया गया था।
प्रथम ब्रिक सम्मेलन (First BRICS Summit)
रूस में होने वाले ब्रिक सम्मेलन में इसके चारों देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. भारत की तरफ से इस सम्मेलन में प्रतिनिधि के रूप तत्कालिक प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह शामिल हुए. इस सम्मेलन में ग्लोबल इकॉनमी और आर्थिक संस्थानों के विकास पर ध्यान देने की बात की गयी थी. इस सम्मेलन के बाद यह तय हुआ है कि नयी ग्लोबल रिज़र्व करेंसी का भी आविर्भाव किया जायेगा।
इस समिट में शामिल पांच देशों के प्रमुख के तौर पर लूईज इनासियो, लूला दा सिल्वा, दीमित्री मेदवेदेव, मनमोहन सिंह और हू जिंताओं ने शिरकत की थी। उस समय रूस के राष्ट्रपति दीमित्री मेदवेदव ने इसकी मेजबानी की थी।
ब्रिक्स महत्वपूर्ण क्यों (Why BRICS is Important)
ब्रिक्स, इसके अंतर्गत आने वाले पांच देशों के अलावा विश्व भर के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इसके स्थापना के पीछे एक बड़ा उद्देश्य ये था कि भविआती है. इन पाँचों देष्य में यह पांच देश विश्व स्तर के व्यापार में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनायेंगे. इसके अंतर्गत आने वाले पाँचों देशों में विश्व भर की 43% जनसंख्या श के जीडीपी यदि मिला कर देखा जाए तो यह कम से कम 16 ट्रिलियां डॉलर का है. यह जीडीपी पूरी दुनिया का 30% प्रतिशत जीडीपी है. इसके अंतर्गत विश्व भर का 17% व्यापार इन पाँचों देशों से हो कर जाता है. ध्यान देने वाली बात है कि इसके अंतर्गत आने वाले पाँचों देश आपस में जो व्यापार करते हैं, वह विश्व भर में होने वाले कुल व्यापार का 5% है. इन पांच देशों के अंतर्गत विश्व भर के सोने के भण्डार का आधा है और साथ ही यह फॉरेन एक्सचेंज के अंतर्गत भी लगभग आधे का हिस्सा रखते हैं. इस वजह से पूरी दुनिया की नजरें ब्रिक्स पर टिकी रहती हैं और वे ये जानने की कोशिश करते हैं कि ब्रिक्स के अंतर्गत आये पाँचों देश की तात्कालिक गतिविधियाँ क्या है।
- ब्राजील लातीनी अमेरिका का प्रमुख देश है और साउथ अफ्रीका, अफ्रीका महाद्वीप का बड़ा देश है। दूसरे शब्दों में ‘ब्रिक्स’ की सीमाएं दुनिया के इस पार से उस पार तक फैली हुई हैं।
- इस समय भारत की अर्थ-व्यवस्था का विकास सबसे तेजी से हो रहा है। वह चाहे तो ‘ब्रिक्स’ में नई जान फूंक सकता है।
- इन देशों की अर्थव्यवस्थाएं कुल मिलाकर 16 खरब डाॅलर तक पहुंच गई है।
- दुनिया की 53 प्रतिशत यानी आधी से ज्यादा आबादी इन पांच देशों में रहती है।
- दुनिया की कुल आय (जीडीपी) का 30 प्रतिशत भाग इन देशों का है।
- विश्व-व्यापार का 17 प्रतिशत इन देशों के पास है।
न्यू डेवलपमेंट बैंक(New Development Bank Under BRICS)
न्यू डेवलपमेंट बैंक ब्रिक्स के अंतर्गत आरम्भ किया गया एक बैंक है. इसे आरम्भ में ब्रिक्स डेवलपमेंट बैंक का नाम दिया गया था, जिसे बाद में न्यू डेवलपमेंट बैंक का नाम दिया गया. आरम्भ में इस बैंक के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया गया, जिसके अंतर्गत 34 बिलियन डॉलर प्रतिवर्ष खर्च करनी पड़ी थी. इसके अंतर्गत अफ्रीका में स्थापित होने वाले बैंक का हेडक्वार्टर दक्षिण अफ्रीका में स्थापित होगा. इस बैंक की शुरुआत 50 बिलियन डॉलर की कैपिटल से हुई है।
वर्ष 2017 में ब्रिक्स सम्मेलन (BRICS Summit 2017 in hindi)
वर्ष 2017 में यह सम्मेलन चीन में 3, 4 और 5 सितम्बर को हुआ, यह 9 वाँ ब्रिक्स सम्मेलन हथा, इस सम्मेलन में भारत से प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी, ब्राज़ील से वहाँ के राष्ट्रपति मिशेल तेमेर, रूस से वेलादिमिर पुतिन, चीन से xi- जिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका से राष्ट्रपति जैकब जुमा शामिल हुए।
सभी देश इस सम्मेलन में एक बार फिर से आतंकवाद के ख़िलाफ़ एक साथ नज़र आ आये।
इस बार के ब्रिक्स सम्मेलन में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरने की रणनीति बनाई गई है। यह सम्मेलन इस बार भारत के लिए काफी अहम हो गया है। जहां एक तरफ पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन को कैंसिल कर दिया गया है तो वहीं भारत एक अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है जहां पर रूस और चीन जैसे देश शिरकत करने आ रहे हैं। एक बार फिर से पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग करने की कोशिश भारत इस सम्मेलन के जरिए कर सकता है।
ब्रिक्स सम्मेलन (BRICS Summit)
प्रारंभिक चार ब्रिक राज्यों (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) के विदेश मंत्री सितंबर 2006 में न्यूयॉर्क शहर में मिले और उच्च स्तरीय बैठकों की एक श्रृंखला की शुरुआत की। 16 मई 2008 को एक पूर्ण पैमाने की राजनयिक बैठक को येकतेरिनबर्ग, रूस में आयोजित किया गया था।
ब्रिक्स सम्मेलन मतभेद और मुद्दे (BRICS Summit Difference & Issues)
- ब्रिक्स देश आर्थिक मुद्दों पर एक साथ काम करना चाहते हैं लेकिन इनमें से कुछ के बीच राजनीतिक विषयों पर भारी विवाद हैं
- इन विवादों में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद प्रमुख है.
- संबंधों में गर्मजोशी के बावजूद भारत और चीन एक दूसरे को एक विवादित और सैन्यीकृत सरहद के आर-पार खड़े पाते हैं.
- भारत चीन के पाकिस्तान के साथ संबंधों के बारे में भी असहज है.
- इसके अलावा भारत, ब्राज़ील और दक्षिण अफ़्रीका में मज़बूत लोकतांत्रिक व्यवस्था है और ये देश अमरीका के साथ अपने नज़दीकी संबंधों के लिए जाने जाते हैं.
- लेकिन इसी समूह में चीन भी है जहां साम्यवादी शासन है और ग़ैर-कम्यूनिस्ट राजनीतिक गतिविधियों के लिए सहनशीलता ना के बराबर है.
- ब्राज़ील चीन की मुद्रा युआन को जानबूझ कर सस्ता रखे जाने पर चिंता व्यक्त कर चुका है.
- यह संगठन काफी मजबूत है, लेकिन आश्चर्य है कि इसमें पश्चिमी खेमे का एक भी देश नहीं है। इसमें दुनिया की तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। चीन, रूस और भारत। इन तीन में से दो सुरक्षा-परिषद के सदस्य हैं.
ब्रिक्स से जुड़े कई रोचक तथ्य हैं जिन्हें जानना आपके लिए काफी अहम हो जाता है। मसलन इस संगठन में शामिल सभी पांच देश जी-20 समूह का भी हिस्सा हैं। I Love My India जय हिंद।
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