क्या है PM 2.5 और 10, कैसे पहुंचाता है स्वास्थ्य को नुकसान? | What is PM 2.5 and PM 10, Definition & Health Effects
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हाल ही में दिल्ली एनसीआर में आपातकाल जैसी स्थिति आने के देश में प्रदूषण पर बहस छिड़ गई है। जिस विषय पर चर्चा करना कभी भी एजेंडा में नहीं होता था आज जानलेवा घोषित हो जाने के बाद हर आदमी रातों-रात जाग गया है और अचानक से प्रदूषण के मुद्दे पर चिंतनशील हो गया है और सरकारें भी इस आपातकाल में ही जागते हुए ही दिखाई पड़ रही हैं और भारत में सरकारों से ज्यादा उम्मीद भी नहीं की जा सकती। …
ये खतरनाक कण इतने सूक्ष्म होते हैं कि सांस के जरिए ये हमारे फेफड़ों में पहुंच जाते हैं. आईए हम जानते हैं कि पीएम 10 और 2.5 है क्या, यह हमें कैसे नुकसान पहुंचाता है?
PM 2.5 और PM 10 क्या हैं ! | What is Particulate Matter Pollution Level in Hindi
कुछ साल पहले देश की राजधानी ‘दिल्ली’ इंडिया गेट, लाल किला, संसद भवन जैसे मशहूर जगहों और देश की राजनीति के केंद्र के नाम से जानी जाती थी. लेकिन इस समय देश की शान यानि दिल्ली अब एक ‘गैस चैंबर’ के नाम से ज्यादा जानी जा रही है. दिल्ली की प्रदूषित होती हवा ने दिल्ली की पहचान मात्र एक सबसे प्रदूषित नगर के नाम तक सीमित कर दी है. इतना ही नहीं आने वाले समय में ये समस्या और भी बढ़ सकती है. ऐसे में ये जाना काफी अहम हो जाता है कि आखिर किन कारणों से दिल्ली में सांस ग्रहण करना लोगों के लिए इतना खतरनाक होता जा रहा है।
पीएम 2.5 और पीएम 10 क्या हैं (What is PM10 and PM 2.5 Definition)
दिल्ली शहर की हवा जहरीली होने का कारण वायु में पार्टिकुलेट मैटर (PM) के स्तर में वृद्धि होना है. दिल्ली की हवा में PM2.5 और PM10 का स्तर लगातार बढ़ने से हवा प्रदूषित हो रही है. हवा में PM2.5 की मात्रा 60 और PM10 की मात्रा 100 होने पर ही हवा को सांस लेने के लिए सुरक्षित माना जाता है। वहीं अगर इस वक्त दिल्ली की हवा में इनकी मौजूदगी की बात करें तो इनका स्तर काफी बढ़ चुका है. दिल्ली की हवा में PM10 का स्तर 600 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर मिला है। इनके बढ़ने के कारण ही दिल्ली में जहरीली धुंध ही दिख रही है। जो की यहाँ के लोगों की सेहत बिगाड़ने का कारण बन सकती है।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि पीएम 10 को रेस्पायरेबल पर्टिकुलेट मैटर कहते हैं. इन कणों का साइज 10 माइक्रोमीटर होता है. इससे छोटे कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या कम होता है. इसमें धूल, गर्द और धातु के सूक्ष्म कण शामिल होते हैं. पीएम 10 और 2.5 धूल, कंस्ट्रक्शन और कूड़ा व पुआल जलाने से ज्यादा बढ़ता है।
दिल्ली में हवा प्रदूषित होने के कारण (Reason for Pollution in Delhi)
दिल्ली में PM2.5 और PM10 के स्तर के बढ़ने के कारणों की बात करें तो इसमें सबसे प्रमुख कारण आस पास के राज्यों में जलाई जाने वाली पराली है. धन की फसल काटते समय इसका कुछ हिस्सा बच जाता है, जिसका कोई इस्तमाल नहीं होता उसको पराली कहा जाता है।
दिल्ली से निकटतम राज्य हरियाणा और पंजाब में इस वक्त खेतों को साफ करने के लिए उन में आग लगाई जा रही है. जिसके चलते आग से पैदा हो रहा धुंआ दिल्ली की हवा को खतरनाक बना रहा है. पिछले वर्ष पराली के कारण दिल्ली समेत पड़ोसी राज्यों में ऐसे हालात पैदा हो गए थे. और उन हालातों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कृषकों को पराली ना जलाने के आदेश दिए थे. लेकिन कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर इस साल भी किसानों ने पराली नष्ट करने के लिए उनमें आग लगाना बेहतर समझा।
PM10 और PM2.5 सेहत के लिए कितना खतरनाक है और कैसे पहुंचाता है नुकसान (Health Effects of PM10 and PM2.5 in hindi)
PM2.5 का स्तर ज्यादा होने पर ही धुंध बढ़ती है और साफ दिखना कम हो जाता है। इतना ही नहीं ये कण सांस लेते समय शरीर में प्रविष्ट होते हैं. जिससे सांस अंदर खींचने में परेशानी के साथ-साथ कई और अन्य बीमारी होने का खतरा बन जाता है। PM2.5 और PM10 का हवा में स्तर बढ़ने का सबसे बुरा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है।
कैसे करें बचाव (How Can You Protect Yourself from Air Pollution)
खराब वायु और प्रदुषण की समस्या से बचाव के लिए लोगों ने मास्क का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसलिए आप जब भी अपने घर से बाहर जाएं तो मास्क लगाना ना भूले और हो सके तो बच्चों को घर से बाहर मास्क लगाए बगैर ना निकलने दें।
कितना होना चाहिए पीएम 10 और पीएम 2.5
पीएम 10 का सामान्य लेवल 100 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) होना चाहिए. जबकि दिल्ली में यह कुछ जगहों पर 1600 तक भी पहुंच चुका है. पीएम 2.5 का नॉर्मल लेवल 60 एमजीसीएम होता है लेकिन यह यहां 300 से 500 तक पहुंच जाता है।
प्रदूषण के खिलाफ सरकार के कदम (Government Steps to Reduce Air Pollution)
हालांकि दिल्ली में इसकी रोकथाम के लिए काफी नए निर्णय लेना सर्कार ने शुरू किया है. दिल्ली में आए दिन बढ़ते प्रदूषण के चलते सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली पर दिल्ली में पटाखों को सेल करने पर प्रतिबंध लगाया था. इतना ही नहीं सरकार ने ऑड एंड ईवन तरकीब भी दिल्ली में शुरू किया था। मगर इसके बावजूद भी दिल्ली में प्रदूषण कम करने में ये कोशिशे ज्यादा कारगर साबित नहीं हुई है। इन राज्यों तक ना सीमित रहते हुए पाकिस्तान के लाहौर शहर तक भी ये हवा जा पहुंची है।
प्रदूषण के मुद्दे पर यदि आज हम नहीं जागे तो तो निकट भविष्य में देश के अन्य हिस्सों में ऐसे ही जानलेवा धुंध और अन्य प्रकार की हानिकारक परिस्थितिओं का सामना करना पड़ सकता है। I Love My India जय हिंद।
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