चंद्रोदय मंदिर वृंदावन जानकारी, विशेषता, इतिहास और महत्व | Chandrodaya Mandir Vrindavan Features and History Complete Hindi
वृंदावन चन्द्रोदय मंदिर उत्तर प्रदेश के वृन्दावन में भगवान कृष्ण को समर्पित एक मंदिर है जो अभी निर्माणाधीन है, चंद्रोदय मंदिर विश्व का सबसे लम्बा मंदिर है। यह इस्कोन बैंगलोर द्वारा बनाया जा रहा अब तक का सबसे महंगा मंदिर है, इस मंदिर की कुल लागत 700 करोड़ रू. है।
700 फीट ऊंचे मंदिर में 70 मंजिलें होंगी साथ ही हाईस्पीड लिफ्ट भी होगी। इस खास मंदिर की डिजाइन अमेरिका के इंजीनयरों की मदद से तैयार की गई है।
यह मंदिर के पदचिन्ह 5 एकड़ में फैले हुये हैं, और इसकी लम्बाई 700 फीट की है. इस मंदिर में वर्ष भर में आने वाले विभिन्न तरह के धार्मिक पर्वों और त्योहारों को मनाया जाएगा. आने वाले समय में यह मंदिर हिन्दूओं के लिए एक बहुत बड़ा दर्शनिक स्थान होगा।
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर की विशेषता (Vrindavan Chandrodaya Mandir Features in hindi)
- इस मंदिर को चारों तरफ विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और पौधों से सजाया जाने वाला है.
- यह मंदिर 26 एकड़ ज़मीन में इन वनस्पतियों के साथ फैला हुआ रहेगा. इसमें कुल 12 वन भी होंगे, जिनका आध्यात्मिक महत्व होगा.
- इसमे विभिन्न तरह की वनस्पतियाँ, हरी चराई, विभिन्न दुर्लभ फलों और फूलों के पेड़ पौधे मौजूद होंगे. इसके अलावा साफ़ पानी का झील, झरना सब इस मंदिर में मौजूद होगा, ताकि यहाँ पर आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान श्री कृष्ण के समय के वृन्दावन का आभास हो पायेगा.
- यह मंदिर विश्व प्रसिद्द दुबई स्थित बुर्ज खलीफा से भी आगे निकलने वाला है. इस मंदिर की नींव बुर्ज खलीफा से भी गहरी बनायी गयी है. बुर्ज खलीफा की नींव 50 मीटर की है, किन्तु इस मंदिर की नींव 55 मीटर की बनायी गई हैं, ताकि इसकी ऊंचाई अधिक हो सके.
- इस फाउंडेशन में लगभग 511 कॉलम होने की खबर है. इस मंदिर में विभिन्न तरह के लाइट शो, व्रजमंडल परिक्रमा आदि विशेष आकर्षण के रूप में होंगे.
- यह मंदिर एक तरह से बहुत बड़ा महत्व रखने वाला मंदिर है. इस मंदिर के निर्माण से यह जगह से एक टूरिस्ट प्लेस के रूप में भी विकसित होगा और राज्य सरकार को इसका अच्छा फायदा प्राप्त होगा.
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर का इतिहास (Vrindavan Chandrodaya Mandir History)
श्रीला प्रभुपाद इस्कोन के संस्थापक ने, साल 1972 में श्री रूपा गोस्वामी के भजन कुटीर के समक्ष युक्लता वैराग्य के विषय में बताया. इस समायोजन में इनके 12 से अधिक विदेशी अनुयायी थे. यहीं पर श्रीला प्रभुपाद ने कहा कि –‘जिस तरह हमने बड़ी बड़ी इमारतों को बनाया है, ठीक उसी तरह हम चाहें तो भगवान् श्री कृष्ण का भी एक बहुत बड़ा मंदिर का निर्माण कर सकते हैं, जिससे ‘मटेरियल एक्टिविटी’ का शुद्धिकरण हो सके।
श्रीला प्रभुपाद के इस वक्तव्य से प्रभावित होकर इस्कोन बैंगलोर के भक्तों ने इन मंदिर के प्रोजेक्ट का आरम्भ किया. मार्च 2016 में होली के शुभ पर्व पर, इस मंदिर की नींव मथुरा के वृन्दावन में रखी गयी. इस्कोन का अनुमान ये है कि अगले पांच वर्षों में ये मंदिर बन के तैयार हो जाएगा. इस मंदिर के सफ़ल निर्माण के बाद वृन्दावन विश्व के मानचित्र पर एक नए सितारे की तरह चमक उठेगा. इसे बनाने की इच्छा इस्कोन के संस्थापक श्रीला प्रभुपाद की थी, जो अब पूरी होने की राह पर है।
29 अक्टूबर 1972, श्रील प्रभुपाद ने वृंदावन में एक प्रवचन में कहा था –
“Just like we have got a tendency to construct a skyscraper building. As in your country, you do. So you should not attached to the skyscraper building, but you can utilize the tendency by constructing a big temple like skyscraper for Krishna. In this way, you have to purify your material activities.”
2022 में होगा पूरा
मंदिर की स्ट्रक्चरल डिजाइनिंग इस्कॉन सोसाइटी ने अमेरिका की स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग कंपनी थॉर्नटन टोमासेटी से कराई है। मंदिर के निर्माण का जिम्मा गुड़गांव और नोएडा कंपनी को सौंपा गया है। मंदिर की नींव 55 मीटर जमीन में गहरी होगी और इसका बेस 12 मीटर ऊंचा होगा। इसका निर्माण संभावित तौर पर 2022 में पूरा होगा।
1000 साल रोशन रहेगा चंद्रोदय मंदिर
किसी भवन की उम्र एक हजार साल। यह सुनकर चौंक जाते हैं। कुछ तो संभव ही नहीं कह देते हैं, पर ऐसा नहीं है। यहां निर्माणाधीन दुनिया के सबसे ऊंचे 70 मंजिला चंद्रोदय मंदिर की आयु तकरीबन 1000 साल होगी।
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर की संरचना विशेष जानकारी (Vrindavan Chandrodaya Mandir Structure Details)
इस मंदिर की संरचना में आईआईटी दिल्ली के सिविल इंजीनियर डिपार्टमेंट के इंजिनियर लगे हुए हैं, जिनके स्ट्रक्चरल कंसलटेंट संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के थोर्नटन टॉमसटी हैं. इस मंदिर के निर्माण के लिए मुख्य आर्केटेक्ट के रूप में गुडगाँव का इंजीनियस स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड और नॉएडा स्थित क्विंटेस्सेंस डिजाईन स्टूडियो है. ये दोनों कम्पनियां इस मंदिर के लैंडस्केपिंग के सारे काम करेंगी. इसके बाद एचवीएसी यानि हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग का काम गुप्ता कंसलटेंट और एसोसिएट्स द्वारा और सभी तरह के अन्य इलेक्ट्रिकल फिटिंग और वायरिंग के लिए डब्ल्यूबीजी कंसलटेंट को चुना गया है. इसके अलावा लाइट डिजाईन के लिए ऑस्ट्रेलिया की कंपनी काम कर रही है।
इस तरह इस मंदिर के निर्माण में कई बड़ी बड़ी कम्पनियां एक साथ काम कर रही हैं. इससे ये अनुमान लगाया जाता है, कि यह मंदिर कितना भव्य होने वाला है.
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर के परिसर में मौजूद आकर्षण और सुविधाएँ (Vrindavan Chandrodaya Mandir Campus)
यह एक विश्व प्रसिद्द मंदिर बनने जा रहा है, जहाँ पर देश विदेश से कई श्रद्धालु दर्शन के लिए आयेंगे. इस वजह से यहाँ पर विशेष तरह की सुविधाओं का होना भी ज़रूरी है. इस मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाएँ निम्नलिखित हैं.
- हेलिपैड
- 12 एकड़ ज़मीन गाड़ियों की पार्किंग के लिए
- खाने और पीने के लिए कैंटीन
- इंडोर राधा कृष्णा रिक्रिएशन पार्क
- कृष्णा हेरिटेज म्यूजियम
- यहाँ पर एक ऐसी जगह का निर्माण किया जा रहा है, जहाँ पर अकीक टेलिस्कोप लगा हुआ रहेगा. इस टेलिस्कोप से श्रद्धालू पूरा वृन्दावन देख पायेगा.
- प्रांगण में विद्यामंदिर चंद्रोदय थीम पार्क भी होगा.
- मंदिर के अन्दर एक कैप्सूल एलीवेटर लगा होगा.
- वैदिक साहित्य के अनुसार व्रम्हांड के विभिन्न तरह के सौर मंडलों का प्रकाश और ध्वनि पर आधारित प्रदर्शन होता है.
- यह मंदिर 30 एकड़ के ब्रज का वाँ नामक जंगल से घिरा हुआ होगा.
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर में पर्व और त्यौहार (Vrindavan Chandrodaya Mandir Festival)
इस मंदिर में हिन्दू संस्कृति में आने वाले विभिन्न तरह के श्री कृष्ण सम्बंधित पर्व त्योहारों को मनाया जाएगा. यहाँ के मुख्य त्योहारों में रथयात्रा, पालकी उत्सव, झुलानोत्सव आदि बड़े धूम धाम से मनाया जाएगा. साथ ही यहाँ सबसे ज्यादा धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार श्री कृष्ण जन्माष्टमी है जिसे यहाँ बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इन पर्व त्योहारों के दौरान विभिन्न तरह की सांस्कृतिक प्रोग्राम का समायोजन किया जाएगा।
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर में सामाजिक कार्यक्रम (Vrindavan Chandrodaya Mandir Cultural Program)
इस मंदिर में विभिन्न तरह के सामाजिक गतिविधियों को भी शामिल की जायेगी. जो निम्न है..
- ब्रज के ग़रीब बच्चो के लिए अक्षय पात्र मीड डे मील की व्यवस्था.
- वृन्दावन की विधवाहो के लिए विभिन कल्याणकारी कार्य.
- यमुना नदी को उसके पुराने सौंदर्य में वापस लाना.
- गाय चूँकि श्री कृष्ण को अतिप्रिय थीं और आज भी ब्रज का एक महत्वपूर्ण अंश है, अतः गौ सेवा के लिए गौशाला का निर्माण.
ऐसा माना जा रहा है कि अलगे 3 वर्ष में ये मंदिर पूरी तरह से बन के तैयार हो जाएगा, और लोग यहाँ पर आ सकेंगे और मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के दर्शन का सुख उठा पायेंगे। जय हिंद।
जिस प्रकार, आप के देशों में (पश्चिम में) लोगों की गगनचुमबी इमातें बनाने की प्रवृत्ति होती है, इस प्रवृत्ति को आपको केवल गगनचुम्बी इमारतें बनाने के लिये ही नहीं, बल्कि इस प्रवृत्ति का उपयोग आप भगवान श्री कृष्ण के लिये एक बड़े भव्य गगनचुम्बी मंदिर का निर्माण करने के लिये कर सकते हैं। ऐसा कर के आप अपने भौतिकवादी कार्यों को शुद्ध व पवित्र कर सकते हैं। - श्रील प्रभुपाद, 29 अक्टूबर 1972।
और पढ़ें – जन्माष्टमी व्रत विधि | जन्माष्टमी पूजा विधि | Janmashtami Information In Hindi
Tags:- वृंदावन चन्द्रोदय मंदिर, चंद्रोदय मंदिर वृंदावन, Chandrodaya Mandir Vrindavan, chandrodaya tallest temple, vrindavan chandrodaya mandir, best temple to visit in vrindavan, worlds tallest temple, interesting facts about vrindavan chandrodaya mandir, चन्द्रोदय मंदिर रोचक जानकारियाँ, दुनिया के सबसे ऊंचे मंदिर, chandrodaya temple, world's highest temple, mathura, vrindavan darshan, chandrodaya mandir, iskcon, vrindavan chandrodaya mandir.