आंतरिक वास्तु एवं साज-सज्जा | Interior Architecture And Decoration By Vastu Shastra.
» आंतरिक साज-सज्जा एवं रंग (Interior Decoration & colours)
आंतरिक साज-सज्जा एवं रंगों के बड़े भारी प्रभाव को भारत एवं सभी विदेशी संस्कृतियों ने एकमत से स्वीकार किया है। दीवारों के रंग, आंखों के माध्यम से, दिल में उतरते हुए, मन की गहराई को छू जाते है तथा अपने अनुकूल और प्रतिकूल रश्मि स्पंदनों से मानव मन-मस्तिष्क को विलक्षण ढंग से प्रभावित करते है। रत्न चिकित्सा (Gem Therapy), रंग चिकित्सा (Colour Therapy), रंग स्नान (Colour Bath) चिकित्सा के अस्तित्व और उपचार का जहां वैज्ञानिकों ने स्वीकार किया है, वहीं घर की आंतरिक साज-सज्जा और रंगों की योजना से ग्रह-नक्षत्र के कारण आने वाली तथा अन्य बाधाएं एवं वास्तु दोष दूर होते है, इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
भारतीय ज्योतिष शास्त्र एवं वास्तु शास्त्र रंगों की इस अवधारणा को अकाट्य तर्कों के साथ परिपुष्टित करता है। उनका मानना है कि यदि व्यक्ति सूर्य ग्रह से प्रभावित है, सिंह राशि, सिंह लग्न का है, जन्मकुंडली में सूर्य ग्रह उच्च का, स्वगृही, या अनुकूल स्थिति में है, जो घर, होटल, दुकान की दीवारों का रंग सुनहरी पीला (Golden Yellow), सुनहरे बॉर्डर वाला हल्का गुलाबी, या पीला होना चाहिए। इससे व्यक्ति की सूर्य संबंधी तत्व एवं शक्तियां बढ़ेंगी।
यदि व्यक्ति चंद तत्व प्रधान है, कर्क राशि, कर्क लग्न का जातक है, चंद्रमा स्वगृही, या उच्च का है, तो उसके घर की दीवारें दूधिया सफेद और मोतिया रंग की (Pearl white milk white) होनी चाहिए। घर में चांदी जैसे रंग (White-Metal) की सजावटी सामग्री अधिक होनी चाहिए।
यदि व्यक्ति मंगल तत्व प्रधान है, मेष, वृश्चिक राशि या लग्न वाला जातक है जन्मकुंडली में मंगल मेष, वृश्चिक या मकर राशि का है, तो ऐसे अनुकूल मंगल ग्रह को और अधिक अनुकूल करने के लिए ऐसे जातक को अपने बैठक नारंगी लाल, क्रिमसन लाल, कोरा लाल (Orange Reed, Crimson Red, Cora Red) की करानी चाहिए। दरवाजों और खिड़कियों के पर्दे में भी इन्हीं रंगों की प्रचुरता होनी चाहिए।
यदि व्यक्ति बुध ग्रह से प्रभावित है, व्यक्ति की राशि मिथुन, अथवा कन्या है, या मिथुन कन्या लग्न में बुध ग्रह की स्थिति अनुकूल है, अथवा बुध वृष या सिंह का होकर स्वगृहाभिलाषी है, तो ऐसे बुध को और अधिक अनूकूल बनाने के लिए जातक के घर की दीवारों का रंग, खासकर निर्णयात्मक कक्ष (Consulting Room) की दीवारें हरे रंग (Green Colour) की होना चाहिए। हरा रंग हल्का भारी, तोता रंग, मृगया रंग इत्यादि किसी भी प्रकार का हो सकता है।
यदि व्यक्ति गुरु तत्व प्रधान है, धनु-मीन राशि, या लग्न वाला है, बृहस्पति की चेष्टाएं बलवान है, तो ऐसे सज्जन को अपने घर की दीवारों पर हल्का पीला, क्रीम (Topa / Golden Light Yellow) सुनहरा पीला रंग (Golden yellow) कराना चाहिए।
यदि व्यक्ति शुक्र तत्व प्रधान है, वृष, या तुला लग्न एवं राशि का जातक है, शुक्र चेष्टावली है,तो, उसे और अधिक अनुकूल बनाने के लिए, घर की दीवारों का रंग चमकीला श्वेत (Diamond White) क्रीम कराना चाहिए। घर की आंतरिक साज-सज्जा में ऐश्वर्यशाली वस्तुएं, सौंदर्य प्रधान एवं कलात्मक वस्तुएं काम में लेनी चाहिए। घर में कांच (Glass) के उपयोग की बाहुल्यता होनी चाहिए। घर में स्वच्छता और रोशनी पर विशेष ध्यान देने पर जातक का शुक्र हर्षित एवं बली रहेगा तथा जातक की उन्नति और उसके भाग्योदय में सहायक होगा।
यदि व्यक्ति शनि तत्व प्रधान है, मकर कुंभ राशि का, या मकर-कुंभ लग्न का जातक है, शनि स्वगृही, उच्च का अथवा उच्चाभिलाषी (कन्या राशि का) है, तो घर की दीवारों को पुष्पों-पुष्पाहारों द्वारा, अच्छे सौभाग्य की सूचना हेतु सजाया जाता है। दक्षिण द्वार वाले मकान के सामने पानी (जल) एवं मकान के पीछे उत्तर भाग में ऊंचे पर्वत और पठार का होना शुभ माना जाता है।
एक मान्यता के अनुसार आज से तीन हजार वर्ष पूर्ण चीन में ‘फेंग सुई‘ का आविष्कार हो चुका था। वहां से यह विद्या सीधी जापान में प्रचलित हुई। जापान से यह विद्या दक्षिण पूर्व एशिया में फैली। चीनी वास्तुविज्ञ ऐसा मानते है कि प्राकृतिक (नैसर्गिक) रूप से दिखलाई देने वाली आकृति जिस जानवर जैसी होती है, वैसा ही फल मिलता है। उदारणार्थ कोई पर्वत कछुए जैसा दिखलाई देता है, तो यह शुभ है, क्योंकि उस पर्वत के आश्रम स्थल में रहने वाले कछुए की तरह दीर्घायु को प्राप्त करेंगे। चीन में दैत्याकार जानवर ड्रैगन (Dragon) को शुभ मानते है। यदि पर्वत दैत्याकार ड्रैगन जैसा दिखलाई देता है, तो वह
शक्ति तथा अनुकूल पर्यावरण का संकेतक है।