संक्षेपण
दिन में पांच या अधिक बार पतला शौच हो सकता डायरिया का लक्षण।
सही समय पर इलाज न करवा पाने के कारण जान पर हो सकता है खतरा।
ओआरएस का घोल है डायरिया को दूर करने का सबसे प्रभावशाली उपाय।
डायरिया के दौरान दूध और दुग्ध उत्पादों का सेवन हो सकता है खतरनाक।
         जब आदमी बार-बार मल त्याग करे या पतला मल निकले या दोनों ही स्थितियां हो तो उसे डायरिया या अतिसार कहते हैं। दिन में 5 या उससे ज्यादा बार मल त्याग करने पर स्थिति चिंताजनक होती है।
         डायरिया आमतौर पर अगर एक हफ्ते में ठीक नहीं होता है तो क्राॅनिक डायरिया कहलाता है। डायरिया की स्थिति देर तक बने रहने पर आदमी बेहोश हो जाता है और समय से इलाज न होने पर मृत्यु तक हो सकती है।
डायरिया या अतिसार
         पतले दस्त जिसमें जल की मात्रा ज्यादा होती है थोडे-थोडे समय के अंतराल पर आता है। खाने में बरती गई असावधानी इसका प्रमुख कारण होता है। डायरिया के तीव्र प्रकोप से पेट के निचल हिस्से में पीडा या बेचैनी प्रतीत होती है। पेट मरोडना, उल्टी आना, बुखार होना, कमजोरी महसूस करना डायरिया के लक्षण हैं। डायरिया देर तक रहने पर आदमी को कमजोरी और निर्जलीकरण की समस्या पैदा हो जाती है।
डायरिया के बचाव के नुस्खे
नमक और पानी का घोल
        डायरिया होेने पर 1 से 2 घंटे के अंतराल पर कम से कम 1 लीटर से ज्यादा पानी पीना चाहिए। पानी का सेवन करने से निर्जलीकरण नहीं होगा। नमक के छोटे-छोटे टुकडे चूसकर खाएं। नमक और पानी का घोल बनाकर प्रयोग करें।
ओआरएस का घोल
         डायरिया होने पर शरीर के अंदर से तरल व खनिज लवण बाहर निकलते हैं। इनकी कमी को पूरा करने के लिए ओआरएस का घोल पिएं।
अदरक वाली चाय
         अदरक का सेवन करने से डायरिया में राहत मिलती है। अदरक की चाय से पीने से पेट की पीडा कम होती है अदरक का रस, नींबू का रस और काली मिर्च का पाउडर पानी में मिलाकर पीने से राहत मिलती है।
केला और सेब
         केला व सेब का मुरब्बा और टोस्ट का मिश्रण जिसे ब्राॅट कहते हैं, इसके इस्तेमाल से भी डायरिया में राहत मिलती है। केला आंतो की गति को नियंत्रण करने में और दस्त को बांधने में सहायता करता है। सेब और केले में मौजूद पेक्टिन दस्त की मात्रा कम करके डायरिया में फायदा देता है।
चावल
         डायरिया के उपचार में चावल बहुत कारगर होता है। चावल आंतो की गति को कम करके दस्त को बांधता है।
भोजन बंद न करें।
         डायरिया होने पर भोजन बिलकुल बंद न करें। केला, चावल, सेवफल का गूदा, मुरब्बा या साॅस जिसे ब्राॅट कहते हैं, इन सबका प्रयोग खाने में करें। ब्राॅट न केवल डायरिया में पर्याप्त मात्रा में पोषक और तरल पदार्थ लेना चाहिए। डायरिया से निजात पाने के 48 घंटे तक मसालेदार खाना, फल और एलकोहल का प्रयोग न करें।
दूध का प्रयोग बंद करें
         डायरिया होने पर दूध और उससे बनी हुई चीजों का प्रयोग बंद करें। दूध या उससे से बने प्रोडक्ट आसानी से पच नही पाते हैं।
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