बाल गिरने की समस्या स्थाई तथा अस्थाई- दोनों हो सकती है। बालों के गिरने की प्रक्रिया तेज और धीमी ही हो सकती है। इससे पहले कि आप बालों के गिरने की समस्रूा से घबरा जाएं, आपको जान लेना चाहिए कि हमारे सिर से प्रतिदिन 50-60 बाल गिरते हैं और इन बालों के स्थान पर नए बाल उगते हैं। यह प्रकृति का नियम है। हां, यदि बाल अधिक संख्या में या गुच्छों के रूप में गिरते हों तो ऐसी स्थिति में डाॅक्टरी सलाह लेनी आवश्यक है।
बालों के झड़ने की समस्या तीन प्रकार की होती है-
1.बाल गिरने की साधारण समस्या- साधारण रूप से बाल गिरने की समस्या वस्तुतः कोई चिंता का विषय नहीं हैं। ऐसे अनेकों कारण हैं जिनकी वजह से बाल एकाएक गिरने लगते हैं, किंतु उन कारणों का निवारण हो जाने पर बालों का गिरना न केवल बंद हो जाता है बल्कि गिरे हुए बालों के स्थान पर नए बाल भी उग आते हैं।
बालों के गिरने की साधारण समस्या का कारण
बीमारी या दवा का दुष्प्रभाव- स्सस्थ शरीर में ही स्वस्थ बाल रहते हैं। गम्भीर रोगों से ग्रस्त रहने के कारण बाल कमजोर होकर गिरने लगते हैं। परंतु यह अवस्था अस्थाई है।
बीमारी के बाद पुष्ट आहार, व्यायाम तथा विश्राम से बालों का दोबारा उगना आरम्भ हो जाता है।
काॅरटीसोन एन्टी- बायोटिक तथा कैंसर के उपचार में काम आने वाली दवाओं के सेवन से भी बालों पर बुरा प्रभाव पड़ता है
और अत्यधिक बाल गिरते हैं। परंतु इन दवाओं का सेवन बंद होते ही गिरे हुए बालों के स्थान पर नए बाल उगने लगते हैं।
धूम्रपान का दुष्प्रभाव- धूम्रपान व्यक्ति को अत्यधिक हानि पहुंचता है। एक सिगरेट का धूम्रपान 25 मिलीग्राम विटामिन-सी नष्ट करता है। जब आप धूम्रपान करती या करते हैं तो कार्बन मोनोक्साइड रक्त में प्रवेश कर लाल रक्त कोशिकाओं के आॅक्सीजन को नष्ट करती है। चूंकि बालों
का स्वास्थ रक्त कोशिकाओं के गुण तथा रक्त में आॅक्सीजन की मात्रा पर निर्भर है, अतः धम्रपान से बाल तथा त्वचा दोनों को हानि पहुंचती है।
प्रदूषित वातावरण- प्रदूषण बालों की वृद्धि तथा सुंदरता में एक बड़ी बाधा है। प्रदूषण द्वारा आंतरिक तथा बाह्य दोनों प्रकार की हानि होती है।
वातावरण की धूल तथा गर्द सिर पर एक विषैली परत सी छोड़ जाते हैं। जिसकी वजह से बाल गिरने लगते हैं।
भावनात्मक कष्ट, जैसे मृत्यु का शोक या
अन्य निराशा भी बालों की जड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है। यह स्थिति भी अस्थाई है। भावनात्मक दबाव दूर होते ही बालों की स्थिति सुधर जाती है।
2. अस्थायी गंजेपन की समस्या- सिर के अस्थायी गंजेपन को एलोपिसिया एरीएटा ;।सवचमबपं ।मतमंजंद्ध कहते है। इस समस्या में सिर के बाल किसी एक या कई स्थानों से गिरकर गंजापन उत्पन्न करते हैं। बिना बालों के ये स्थान एकाएक नजर आने लगते हैं तथा आपस में मिलकर बड़े टुकड़े ;च्ंजबीमेद्ध बन जाते हैं। इस प्रकार के गंजेपन के सही कारणों का पता नहीं लग सका है। समझा जाता है कि यह स्नायविक गड़बड़ी या वंशानुगत कारणों से होता है। इसके अलावा मानसिक तनाव, मनसिक आघात और शरीर में पौष्टिक तत्वों का अभाव आदि भी इसका कारण हो सकते हैं। सामान्यतया इस समस्या का दो से छः महीने के भीतर उपचार हो जाता है।
3. स्थाीय गंजेपन की समस्या- वृद्धावस्था से पहले ही बाल झड़ने के कारण उत्पन्न होने वाले गंजेपन को एलोपीसिया सेनिलिस ;।सवचमबपं ैमदपसपेद्ध कहते हैं। यह महिलाओं से ज्यादा पुरूषों में पाया जाने वाला रोग है। यह भी वंशानुगत होता है किंु कुछ अन्य कारण जैसे मानिकस तनाव, बालों की गलत देख-रेख, शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी आदि भी हो सकते हैं। इस समस्या के लिए किसी अच्छे चिकित्सक से भी परामर्श लें।