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Som Pradosh Vrat 2024 : सोम प्रदोष व्रत जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, करें दीपदान! भोलेनाथ होंगे प्रसन्न

Som Pradosh Vrat 2024 प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान शिव की पूजन किया जाता है. कहते हैं कि इस दिन भोलेनाथ प्रसन्न मुद्रा में होते हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं. शिव की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. जानिए सोम प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त।

Som Pradosh Vrat 2024 Do Lord Shiva Puja & Deep Daan

Som Pradosh Vrat 2024 Date and Shubh Muhurat वैदिक पंचांग के अनुसार, आज वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि दोपहर 03:50 पर शुरू हो रही है और आज के दिन भी सोम प्रदोष व्रत रखा जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सोम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधिवत उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी प्रकार के दुख दूर हो जाते हैं. शास्त्रों में भी सोम प्रदोष व्रत के महत्व को विस्तार से बताया गया है. आइए जानते हैं, किस समय करें, भगवान विष्णु की उपासना और पूजा विधि.

सोम प्रदोष व्रत 2024 पूजा मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, आज के दिन चित्रा नक्षत्र का निर्माण हो रहा है, जो पूर्ण रात्रि तक रहेगा. साथ ही आज सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है जो दोपहर 12:11 तक रहेगा. बता दें कि प्रदोष काल शाम 07:08 से रात्रि 09:10 के बीच रहेगा. इस दौरान भगवान शिव की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होगा.

सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान करें और साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद सूर्य देव को जल प्रदान करें. ऐसा करने के बाद भगवान शिव की विधिवत उपासना करें और मंदिर में शिवलिंग पर जल अर्पित करें. ऐसा करने के बाद प्रदोष काल में भगवान शिव का विधि-विधान से रुद्राभिषेक करें और महादेव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, चंदन इत्यादि अर्पित करें.

पूजा के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप निरंतर करते रहें और ‘ॐ नमः शिवाय’ इस मंत्र का कम से कम 108 बार जब जरूर करें. इसके साथ शिव तांडव स्त्रोत व शिव स्तुति का पाठ करें. पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती के साथ पूजा संपन्न करें.

त्रयोदशी तिथि का महत्व

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है और कहते हैं कि इस दिन यदि​ विधि-विधान से भोलेनाथ की अराधना की जाए तो हर मनोकामना पूरी होती है. प्रदोष व्रत के दिन भोलेनाथ का पूजन प्रदोष काल में यानि शाम के समय किया जाता है. धर्म ग्रंथों के अनुसार त्रयोदशी तिथि के दिन भोलेनाथ प्रदोष काल में प्रसन्न मुद्रा में होते हैं और ऐसे में अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते.

सोम प्रदोष की शाम करें दीपदान भोलेनाथ होंगे प्रसन्न

यदि आप अपने जीवन में सफलता और उन्नति हासिल करना चाहते हैं सोम प्रदोष के दिन पूजा-पाठ के साथ ही दीपदान अवश्य करें. लेकिन ध्यान रखें कि दीपदान शाम के समय किया जाए तो अधिक फलदायी होता है. शाम के समय स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव की जलाभिषेक करें और उन्हें चंदन का तिलक लगाएं. इसके बाद सफेद फूलों की माला अर्पित करें. फिर फल, मिठाई व भोग अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं.

दीपदान करने के लिए 5, 7 या 11 मिट्टी दीपक लें और उनमें देसी घी व बाती रखें. इसके बाद भगवान शिव के समक्ष जितने दीपक है उतने ही स्थान पर जौ या चावल से आसन बनाएं. फिर इस सभी आसन पर दीपक रखें और उन्हें प्रज्जवलित करें. इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें और आरती करें. मान्यता है कि ऐसा करने से भोलेनाथ अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.

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